असम के नागांव जिले के बटाद्रबा थाने में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने हमला कर आग लगा दी। घटना बीते शनिवार शाम करीब चार बजे की है। हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
असम पुलिस के महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने घटना के बारे में कहा कि सफीकुल इस्लाम (39 वर्ष) को एक शिकायत के बाद शुक्रवार 20 मई को रात 9:30 बजे बटाद्रवा पुलिस स्टेशन लाया गया था, जो कि नशे में धुत होकर सड़क पर पड़ा था। मेडिकल जांच के बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शनिवार की सुबह उसे उसकी पत्नी को सौंप दिया गया। पत्नी ने उसे कुछ खाना भी खिलाया। बाद में बीमार होने पर उसे एक-दो अस्पतालों में ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। डीजीपी ने कहा कि हमने इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत को बहुत गंभीरता से लिया है। ओसी को सस्पेंड कर दिया है और बटाद्रवा पुलिस स्टेशन के बाकी स्टाफ को बंद कर दिया है।
डीजीपी महंत ने बताया कि उसी दिन कुछ स्थानीय अपराधियों ने बटाद्रवा थाने को आग के हवाले कर दिया। उन आरोपियों में महिलाएं, युवा, बूढ़े सभी शामिल थे। आरोपी जिस तैयारी के साथ आए और पुलिस पर क्रूर, संगठित हमला किया, उसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है। डीजीपी ने कहा कि हमें नहीं लगता कि ये मृतक के शोक संतप्त रिश्तेदार थे। ये अपराधी और उनके आपराधिक रिकॉर्ड वाले रिश्तेदार थे। थाने के भीतर रखे रिकॉर्ड, सबूत, सभी को इन अपराधियों ने जला दिया। यह एक सामान्य घटना नहीं है। इसमें और भी बहुत कुछ है। हम इसकी तह तक जाएंगे। डीजीपी महंत ने कहा कि हम उन तत्वों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई करेंगे जो सोचते हैं कि वे पुलिस थानों को जलाकर भारतीय न्याय प्रणाली से बच सकते हैं। यह सभी असामाजिक/अपराधी तत्वों के लिए चेतावनी है।
प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि महिलाओं और छोटे बच्चों ने भी थाने के अंदर पुलिसकर्मियों पर हमला किया। थाने को जलाने के लिए गैलन में पेट्रोल खरीदा था। फिलहाल नागांव पुलिस ने अब तक तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया है।
टिप्पणियाँ