किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी करने की इच्छा रखने वाले न जाने कितने वर्ष तैयारी करते हैं, फिर परीक्षा देते हैं। परीक्षा पास करने के बाद साक्षात्कार से गुजरना पड़ता है। इसके बाद ही नौकरी मिलती है, लेकिन लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए अपने चहेतों को केवल तीन दिन में नौकरी दे दी और इसके बदले उनसे करोड़ों रु की जमीन ले ली।
जमीन लेकर रेलवे में नौकरी देने के मामले में सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री और राजद के अध्यक्ष लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव सहित 16 लोगों के विरुद्ध मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके बाद बिहार में राजनीतिक भूचाल आ गया है। राजद ने इस कार्रवाई के लिए भाजपा और केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है, वहीं भाजपा का कहना है कि घोटाले होंगे तो जांच भी होगी।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने जमीन और पैसा लेकर पटना के 12 लोगों को रेलवे में नौकरी दी थी। रेल मंत्रालय से शिकायत मिलने के बाद सितंबर, 2021 में सीबीआई ने मामला दर्ज कर प्रारंभिक जांच की थी। इसमें पता चला कि जिन लोगों को ग्रुप डी कर नौकरी दी गई थी, उनके आवेदन में रेलवे जोन और यहां तक कि उसके महाप्रबंधक का पता तक नहीं था। बता दें कि ऐसी नियुक्ति के लिए आवेदन रेलवे के संबंधित जोन में दिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और सीधे रेल मंत्रालय ने केवल तीन दिन के अंदर सभी लोगों को नियुक्तिपत्र भेज दिया। इसलिए सीबीआई ने अपनी एफआईआर में इन 12 लोगों को भी आरोपी बनाया है।
यह है लालू परिवार की जब्त बेनामी संपत्ति, जिनकी कीमत 175 करोड़ रु आंकी गई है
आयकर विभाग ने 2017 में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के अन्य लोगों की संपत्ति जब्त की थी। बाजार में इस संपत्ति की कीमत 175 करोड़ रु बताई जा रही है, जबकि लालू परिवार ने इसका मूल्य केवल 9.32 करोड़ रुपये दिखाया था। ये संपत्तियां हैं—
- फार्म संख्या-16, पालम फार्म्स, बिजवासन, दिल्ली.
बेनामीदारों के नाम- मिशैल पैकर्स और प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड
लाभार्थियों के नाम- मीसा भारती और शैलेश कुमार
किताबी कीमत- 1.4 करोड़ रुपये
बाजार में कीमत- 40 करोड़ रुपये - 1088, न्यू फ्रेंडस कॉलोनी
बेनामीदारों के नाम- एबी एक्सपोर्टस प्राइवेट लिमिटेड
लाभार्थियों के नाम- तेजस्वी यादव, चंदा और रागिनी यादव
किताबी कीमत- 5 करोड़ रुपये
बाजार में कीमत- 40 करोड़ रुपये - जलालपुर में 9 प्लॉट, पीएस दानापुर, पटना
बेनामीदारों के नाम- डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड
लाभार्थियों के नाम- राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव
किताबी कीमत- 1.9 करोड़ रुपये
बाजार में कीमत- 65 करोड़ रुपये - जलालपुर में 3 भूखंड, पीएस दानापुर, पटना
बेनामीदारों के नाम- एके इंफोसिस्टम
लाभार्थियों के नाम- राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव
किताबी कीमत- 1.6 करोड़ रुपये
बाजार में कीमत- 20 करोड़ रुपये
राबड़ी देवी 18 फ्लैटों की मालकिन
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी पटना शहर के अंदर 18 Flat और 18 Parking Place की मालकिन हैं। ये 18 Flat कुल 18,652 Sq. ft. में बने हैं जिनकी वे मालकिन हैं। इनकी कीमत आज 20 करोड़ रुपये से ज्यादा है। राबड़ी देवी ने पटना शहर के 2 अलग-अलग स्थानों पर लालू यादव के रेल मंत्री या स्वयं के मुख्यमंत्रित्व काल में जमीन खरीदी थी, जिनका विवरण है—
1. मौजा- जलालपुर, रंजन पथ, थाना- दानापुर, 6 कट्ठा 8 घुर, 9½ धुरकी = 20.074 डिस.
2. मौजा- शेखपुरा, थाना- शास्त्रीनगर, वार्ड नं.-3 6715 Sq. ft. = 15.4155 डिस.
एक जमीन स्व. अरविन्द कुमार यादव के बेटों मनोज, गोपी कृष्ण, राजेश कुमार, बिनोद कमार एवं सुशीला देवी पति अरविन्द यादव से लिखवाई गई। इसमें मनोज कुमार के परिवार को रेलवे में नौकरी दी गई है। इन दोनों भूखण्डों पर फरवरी, 2011 में श्रेया कंस्ट्रक्शन द्वारा अमरेन्द्र कुमार सिन्हा खजांची रोड, पटना के साथ Development Agreement किया गया। इस Agreement के अनुसार कुल 37 हजार 405 Sq.ft. में 36 Flat बनाया जाना था। इसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
अरविन्द यादव के परिवार को आवामी कॉपरेटिव बैंक के माध्यम से चेक दिए गए, पर इनका कभी भुगतान नहीं हुआ। आवामी कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद हैं, जिन्हें लालू यादव का ‘कबाब मंत्री’ कहा जाता था। इन्हें लालू ने एमएलसी बनाया और जिनके यहां सीबीआई ने पिछले दिनों नोटबंदी के दौरान फर्जी बैंक खातों के आरोप में छापामारी कर करोड़ों रु जब्त किए था।
टिप्पणियाँ