ज्ञानवापी प्रकरण में मुख्य अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने 12 पन्नों की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की है। कुछ ही देर में रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। अजय प्रताप सिंह ने कहा हम लोगों ने रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी है। अंदर जो भी मिला और दिखा उसका पूरा विवरण उसमें है। उनके जब पूछा गया रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु को इंगित किया जा सकता हैं, उन्होंने संकेत करते हुए कहा कि विवादित परिसर के उत्तर दिशा के गुम्बद में अंदर सीढ़ी से जाने पर शंकुकार ( कोनिकल ) शिखरनुमा आकृति देखने को मिली। जिसकी ऊंचाई ढाई फिट और व्यास करीब 18 फिट का होगा। अंदर शिखर के चारों ओर तीन फीट का रास्ता भी बना है।
गुम्बद के अंदर शिखर नुमा पूरा स्ट्रक्चर देखा जा सकता है। ऊपर से गुम्बद को बनाया गया है। बाकी गुम्बदों में भी ऐसा ही स्ट्रक्चर देखने को मिला है। तहखानों की दीवारों पर त्रिशूल, स्वास्तिक, पान जैसे फूलों की कलाकृतियों को देखा गया। जो भारत के प्राचीन मंदिर शैली को दर्शाता है। खंभे के चारों ओर कलश, घंटी, फूल की आकृतियां बनी हैं। हाथी के सूंड जैसी भी आकृतियां दिखी हैं। जो शिवलिंग मिला है, वो सामान्य रूप से जैसा होता है ठीक वैसा ही है। अंदर कई स्थानों पर पुरानी आकृतियों को खराब कर प्लास्टर कर दिया गया है।
विशेश्वर मंडप के पीछे ऐश्वर्य मंडप का भाग है। खंभों को कई स्थानों पर खंडित किया गया है। अंदर की दीवारों, गुम्बदों से कई आकृतियों से मंदिर शैली जैसा प्रतीत होता है। कुछ द्वारों के पास डमरू की आकृति भी मिली है। नंदी और शिवलिंग की दूरी 83.5 फीट है।
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