दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। नजीब जंग के बाद वह दिल्ली के एलजी बने थे। उन्हें 31 दिसंबर 2016 में उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। अपने पांच साल और करीब चार महीने के कार्यकाल में अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीधे टक्कर होती रही, लेकिन बैजल कभी भी केजरीवाल सरकार के आगे झुके नहीं।
यहां तक कि केजरीवाल सहित उनके मंत्रियों ने कई दिनों तक राजनिवास के अंदर घुसकर धरना तक दे दिया था। बैजल ने दिल्ली सरकार की एक हजार बसों की खरीद की प्रक्रिया की जांच को लेकर तीन सदस्यीय एक कमेटी भी बनाई थी। भाजपा इस मामले को लेकर लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रही थी।
अनिल बैजल ने कई मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पद संभाले। वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपसचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साल 2006 में वह शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन से जुड़े रहे। 30 दिसंबर 2021 को बैजल का कार्यकाल पूरा हो गया था लेकिन उन्हें सेवा में विस्तार दिया गया था।
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