झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास आये दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। परेशान झारखंड सरकार रघुबर दास को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहती है।
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे यह कहावत तो हर किसी ने सुनी होगी। अगर किसी को इस कहावत का साक्षात उदाहरण देखना हो तो झारखंड के अन्दर मचे सियासी घमासान को देखकर आसानी से समझ सकता है।
पिछले दिनों झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके भाई बसंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सहित उनके कई रिश्तेदारों और परिचितों के कारनामों की पोल खोलने का काम किया था। इसका नतीजा यह निकला कि अब हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन की विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है। हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने लाभ का पद होते हुए भी अपने नाम पर खनन पट्टा हासिल किया है। साथ ही उन्होंने उद्योग लगाने के नाम पर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी को 11 एकड़ भूमि आवंटित करवाई है। मामला उच्च न्यायालय, राज्यपाल और चुनाव आयोग तक जा चुका है। चुनाव आयोग इस मामले की सुनवाई 20 मई तक कर सकता है। लेकिन इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से पलटवार करते हुए रघुवर दास पर निशाना साधा जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी की योजनाएं बनाई जा रही हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि रघुवर दास सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पोल खोलने से पीछे हट जाएं।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि रघुवर दास के खिलाफ जांच तेज करने के लिए पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के डीजी का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। उनकी जगह झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, रांची के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अजय कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीजी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके साथ ही रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज से भी एसीबी के आईजी का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है।
इस विषय पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि रघुवर दास को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जबरन गिरफ्तार करवाना चाहते हैं। इसी को लेकर डीजीपी नीरज सिन्हा और पंकज कंबोज ने जब इंकार कर दिया तो उन्हें उनके पद से हटा दिया गया।
इस पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि अथवा मुख्यमंत्री के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कोई व्यक्तिगत आदेश नहीं दिया है और सारे निर्णय कैबिनेट और राज्य के उच्चाधिकारियों के स्तर पर लिए गए हैं। इसलिए रघुवर दास के विरुद्ध लगाए गए आरोप बालू से तेल निकालने के बराबर हैं।
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं और विधायकों के खिलाफ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश और निशिकांत दुबे के चौतरफा हमले के बाद झामुमो के नेताओं को जब कुछ नहीं सूझा तो इन लोगों ने भाजपा के अंदर में फूट डालने की कोशिश शुरू कर दी है।
झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने 16 मई को प्रेस वार्ता कर बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जेल भेजने की तैयारी भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी दीपक प्रकाश और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कर रहे हैं । हालांकि इस विषय पर उनकी ओर से कोई तथ्य सामने नही लाया गया।
इसके जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्ट सरकारी पदाधिकारियों पर जब भाजपा के कार्यकर्ता आरोप लगाते हैं तो उसके बचाव में मुख्यमंत्री और उनकी पूरी पार्टी सामने आ जाती है। इससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्ट पदाधिकारी और सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा का क्या संबंध है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि झामुमो पहले अपने घर के अंदर के विवादों को सुलझा ले उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के बारे में बोले।
उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी तरह से एकजुट है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सभी एक साथ हैं। झामुमो के लोग राजनीतिक विद्वेष के तहत इस तरह की बातें कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पहले ही कहा है कि राज्य सरकार जिस भी एजेंसी से जांच करना चाहे वह स्वतंत्र है । ऐसे में झामुमो नेताओं द्वारा इस तरह की बयानबाजी करना निरर्थक है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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