नोएडा पुलिस ने एक 80 साल के चित्रकार को नाबालिग लड़की से डिजिटल रेप के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम मोरिस राइडर है। वहीं पीड़िता उसके यहां घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। आरोपी राइडर लड़की का सात साल से बलात्कार कर रहा था। वह पीड़िता को मोबाइल फोन और लैपटॉप पर अश्लील फिल्में दिखाता था और फिर उससे छेड़छाड़ करता था। मोरिस राइडर करीब बीस साल पहले हिंदू से ईसाई बना था।
14 तारीख को सेक्टर 39 थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज़ कराया जिसमें उनका आरोप था कि वो एक नाबालिग बच्ची के साथ 80 वर्षीय व्यक्ति के घर में रहते हैं। उस व्यक्ति ने नाबालिग बच्ची के साथ डिजिटल रेप किया: रणविजय सिंह, ADCP, नोएडा, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/K9mIpgRuez
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 16, 2022
नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह के मुताबिक 14 मई को सेक्टर 39 थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि वो एक नाबालिग बच्ची के साथ 80 वर्षीय व्यक्ति के घर में रहती है। उसने बच्ची की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली थी। उस व्यक्ति ने नाबालिग बच्ची के साथ डिजिटल रेप किया। इस सूचना पर हमने मामला दर्ज किया और व्यक्ति को गिरफ्तार किया। हमारे पास जो भी साक्ष्य हैं, उसमें आरोप सही पाए गए हैं। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
पुलिस के मुताबिक इंटरनेट पर अश्लील वीडियो दिखाकर आरोपित किशोरी के प्राइवेट पार्ट को छूता था। डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं है कि किसी लड़की या लड़के का यौन शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली को भी डिजिट कहा जाता है। इससे यौन उत्पीड़न डिजिटल रेप होता है। निर्भया मामले के बाद वर्ष 2013 में दुष्कर्म संबंधित कानून और कठोर बनाया गया। डिजिटल रेप में कम से कम पांच साल और अधिकतम सजा उम्रकैद है।
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