उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी के मामले में पुलिस की विवेचना पर सवाल उठ रहे हैं। एसएसपी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अधीनस्थ अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। मेरठ के हाजी कुरैशी की मीट फैक्ट्री और अस्पताल को बिना अनुमति चलाने पर मार्च और अप्रैल माह में सील किया था। इस मामले में 17 लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस की एफआईआर के बाद से हाजी याकूब परिवार समेत फरार है और उन्हें हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है।
इस मामले में दिलचस्प पहलू यह सामने आया है कि एफआईआर पर विवेचना अधिकारी किठौर प्रभारी निरीक्षक अरविंद मोहन शर्मा छुट्टी पर चले गए। उसके बाद विवेचना खरखौदा के इंस्पेक्टर दिनेश उपाध्याय को सौंपी गई तो वो भी लम्बी छुट्टी पर चले गए। विवेचना में हो रही देरी पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में है और इसमें अधीनस्थ अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही है।
हाजी याकूब की तरफ से हाई कोर्ट में इन मामलों की एफआईआर को खारिज करने और मीट फैक्ट्री में पड़ा 5 करोड़ का मीट बाजार के लिए निकाले जाने के लिए भी अर्जी दी गयी थी जिसे खारिज कर दिया गया है। बहरहाल पुलिस हाजी याकूब की फरारी पर इनाम घोषित करने की तैयारी में है। पुलिस ने उनके घर के बाहर मुनादी भी करवाई है कि वो पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, लेकिन वो अभी तक परिवार सहित फरार हैं और मेरठ पुलिस की चार टीमें उनकी तलाश में दबिश दे रही हैं।
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