हाल ही में अररिया की जिलाधिकारी इनायत खान बनी हैं। दो दिन पहले वह कुर्साकांटा के सुन्दरनाथधाम मंदिर पहुंचीं। वहां उन्होंने पूजा—अर्चना कर मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक किया।
—अरुण कुमार सिंह
अनेक वर्ष से बिहार का अररिया जिला बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठ और तस्करी के लिए चर्चा के केंद्र में रहता आया है। इन दिनों यह जिला वहां की नवनियुक्त जिलाधिकारी इनायत खान के कारण चर्चा में है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही इनायत खान ने अररिया के जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण किया है। दो दिन पहले वह अपने जिले के भ्रमण में निकलीं तो अचानक एक मंदिर पहुंच गईं। वहां उन्होंने पूजा—अर्चना की और शिवलिंग पर जल भी चढ़ाया। इसके बाद जैसे ही यह खबर फैली लोग इनायत खान की जमकर प्रशंसा करने लगे। लोगों का कहना था कि इनायत खान ने सामाजिक और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। अररिया जिले के रहने वाले और विश्वविख्यात कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के पुत्र और सामाजिक कार्यकर्ता दक्षिणेश्वर रेणु कहते हैं,”इनायत खान एक सुलझी हुई अधिकारी हैं। उनसे जिले के लोगों को बहुत आशा है। उम्मीद है कि वे सभी सरकारी योजनाओं को अच्छी तरह लागू कर जिले में विकास की गंगा बहाएंगी।”
इनायत खान ने जिस मंदिर में पूजा की वह अररिया जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और उसका नाम है— सुन्दरनाथधाम मंदिर। यहां उन्होंने गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के पश्चात् मंदिर के महंत सिंहेश्वर गिरि से मंदिर के विकास कार्य एवं यहां की समस्याओं के बारे में जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने महंत को समस्याओं के निदान के साथ सौंदर्यीकरण के लिए सकारात्मक प्रयास करने का विश्वास दिलाया।
इससे पहले इनायत खान शेखपुरा जिले में पदस्थापित थीं। यहां उन्होंने आकांक्षा योजना को बहुत ही प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इस कारण इनायत खान की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी।
अब अररिया के लोग भी इनायत खान से बहुत उम्मीद कर रहे हैं। अररिया के राजेंद्र झा कहते हैं, ”अनेक दशकों से अररिया के लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों से पीड़ित हैं। स्थानीय नेता घुसपैठियों को कहीं भी बसा देते हैं। इस कारण से अनेक समस्याएं पैदा हो रही हैं। उम्मीद है कि इनायत खान इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगीं।”
यह भी पता चला है कि बेशक कुछ लोग इनायत खान की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन इनायत के मजहब के लोग ही उनसे नाराज हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि इनायत ने मंदिर में पूजा करके इस्लाम विरोधी कार्य किया है।
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