पासवर्ड मुक्ति की ओर बढ़ते कदम
Wednesday, March 22, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

पासवर्ड मुक्ति की ओर बढ़ते कदम

पासवर्ड चोरी होने या असावधानीवश लीक हो जाने पर होने वाले खतरे से बचाव के लिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और एपल पासवर्ड मुक्त व्यवस्था के लिए मिल कर काम कर रहीं

बालेन्दु शर्मा दाधीच by बालेन्दु शर्मा दाधीच
May 16, 2022, 01:01 pm IST
in भारत, विज्ञान और तकनीक
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

पासवर्ड चोरी होने या असावधानीवश लीक हो जाने पर होने वाले खतरे से बचाव के लिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और एपल पासवर्ड मुक्त व्यवस्था के लिए मिल कर काम कर रहीं

डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ बहुत-सी वेबसाइटों और वेब सेवाओं पर लॉगिन करने के लिए पासवर्ड का प्रयोग इतना प्रचलित हो गया है कि इस बात का ख्याल कम ही आता है कि क्या बिना पासवर्ड के भी ये सभी कामकाज सुरक्षित ढंग से किए जा सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है पासवर्ड अनधिकृत इस्तेमाल से सुरक्षा देता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पासवर्ड की प्रासंगिकता और यहां तक कि उसके जरिए मिलने वाली सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न लग रहे हैं।

ऐसी बहुत सारी परिस्थितियां हो सकती हैं जब आपका पासवर्ड किसी और के पास पहुंच जाए और आपकी डिजिटल सामग्री, पहचान तथा संपत्ति तक को असुरक्षित कर दे। इसके पीछे कुछ तो उपभोक्ताओं की अपनी लापरवाही व असावधानी, कुछ तकनीकी जागरूकता का अभाव, दुर्घटनाएं और कुछ साइबर अपराधियों की हरकतें हो सकती हैं। आपके पासवर्ड को सुरक्षित तथा गोपनीय बनाए रखने के लिए बहुत सारे तौर-तरीके आजमाए गए हैं। खुद पासवर्ड के विकल्प भी ढूंढे गए हैं जैसे पिन या स्वाइप, जिनसे सुरक्षा तो बढ़ी है लेकिन इतनी नहीं कि हम निश्चिंत हो सकें।

दूसरे, ये तरीके हर मामले में लागू नहीं किए जा सकते। बहरहाल, अब तकनीकी दुनिया की तीन दिग्गज कंपनियों की एक नई पहल से उम्मीद बंधी है कि शायद हम पासवर्ड के बिना भी डिजिटल माध्यमों पर पहले से ज्यादा सुरक्षित रह सकेंगे। फीदो (फास्ट आइडेंटिटी आॅनलाइन) और वर्ल्ड वाइड वेब कंशोर्शियम ने एक पासवर्ड-रहित साइन-इन मानक तैयार किया है जिसे इन बड़ी कंपनियों का समर्थन मिलने के बाद आनलाइन साइन-इन के ज्यादा सरल और सुरक्षित हो जाने की उम्मीद की जा रही है।

माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और एपल पासवर्ड की जगह एक नई प्रणाली के विकास में सहयोग कर रहीं हैं जिसके तहत आपकी साइबर सुरक्षा में आपके मोबाइल फोन की अहम भूमिका होगी। इसे मल्टी-डिवाइस फीदो क्रेडेंशियल का नाम दिया गया है जो एक पासवर्ड-मुक्त व्यवस्था होगी। इसके तहत ऐसे हर ठिकाने पर लॉगिन करने के लिए आप उसी तरह से अपने मोबाइल फोन का प्रयोग कर सकेंगे जैसे फोन को अनलॉक करने के लिए करते हैं।

फिलहाल हम इसके लिए फिंगरप्रिंट, पिन, स्वाइप, चेहरे की पहचान आदि का प्रयोग करते हैं। आपके डिजिटल उपकरण की सुरक्षा प्रणाली वेब आधारित सेवाओं पर भी काम करेगी। अपने मोबाइल फोन को सफलतापूर्वक अनलॉक करने के बाद आप आनलाइन कहीं भी जा सकेंगे क्योंकि आप एक बार अपनी पहचान को साबित कर चुके हैं। वह पर्याप्त है तथा पहले से ज्यादा सुरक्षित है।

नॉर्डपास नामक संस्थान की तरफ से कराए गए एक सर्वे के अनुसार आज मोबाइल फोन और इंटरनेट से जुड़े हर प्रयोक्ता के पास औसतन 100 पासवर्ड होते हैं। इनमें से ज्यादातर समान या मिलते-जुलते ही होते हैं और इसीलिए एक पासवर्ड के जाहिर हो जाने का मतलब है— लगभग हर स्थान पर आपकी डिजिटल सुरक्षा का खतरे में पड़ जाना। साइबर दुनिया में बहुत बड़े अपराध चोरी हुए पासवर्डों के कारण होते हैं जिनमें आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराध भी शामिल हैं।

नई व्यवस्था में आपके मोबाइल फोन को सुरक्षित बनाना काफी होगा और अगर वह सुरक्षित है तो समझिए कि आपके तमाम आनलाइन ठिकाने भी सुरक्षित हो गए। हालांकि इसके लिए मोबाइल फोन और आनलाइन ठिकानों की लॉगिन व्यवस्था को जोड़ने वाला एक सिस्टम बनाना होगा। यहां दो बड़ी चुनौतियां होंगी। पहली यह कि मोबाइल फोन असुरक्षित हो गया तो क्या सब कुछ असुरक्षित हो जाएगा। दूसरी चुनौती यह कि उपभोक्ता हजारों वेबसाइटों पर जाता है तो सबकी सब वेबसाइटें कैसे इस व्यवस्था का पालन करेंगी?

असल में दुनिया में अरबों वेबसाइटें, वेब सेवाएं , क्लाउड सेवाएं, गैजेट्स और दूसरे उपकरण हैं। अगर इस प्रणाली को कामयाब होना है तो उनके बुनियादी ढांचे में कोई ऐसा बदलाव करना होगा कि वे स्वत: नई व्यवस्था में ढल जाएं। यकीनन, यह बहुत बड़ा और लंबे समय तक चलने वाला काम है लेकिन असंभव नहीं है। तो दारोमदार आपके उपकरण पर लॉगिन करने की व्यवस्था को अभेद्य बनाने पर आ जाएगा। सैंकड़ों वेबसाइटों के पासवर्डों को याद रखने, सुरक्षित रखने और बार-बार बदलने की तुलना में एक ही उपकरण को पक्के तौर पर चाक-चौबंद रखना ज्यादा आसान है, यह तो आप भी मानेंगे। हालांकि फिर भी अगर कुछ गलत हो जाता है तो उसके हलके भी रास्ते उपलब्ध होंगे। इन्हीं चुनौतियों के समाधान के लिए तो इतने बड़े दिग्गज संस्थान साथ आए हैं।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक-भारतीय भाषाएं और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)

Topics: माइक्रोसॉफ़्टPassword Eradicationगूगल और एपल पासवर्डडिजिटल सामग्री
ShareTweetSendShareSend
Previous News

वैशाख पूर्णिमा : हरिद्वार में लाखों की संख्या में जुटा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

Next News

राखीगढ़ी  : इतिहास की करवट

संबंधित समाचार

माइक्रोसॉफ्ट 10 हजार कर्मचारियों की करेगी छंटनी, कंपनी के सीईओ ने की पुष्टि

माइक्रोसॉफ्ट 10 हजार कर्मचारियों की करेगी छंटनी, कंपनी के सीईओ ने की पुष्टि

आईटी में ‘जनसांख्यिक लाभांश’ ले पाएंगे हम?

आईटी में ‘जनसांख्यिक लाभांश’ ले पाएंगे हम?

आभासी दुनिया में बिक रही जमीन, खुल रहे स्टोर

आभासी दुनिया में बिक रही जमीन, खुल रहे स्टोर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बुद्धिमानी भरा निवेश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बुद्धिमानी भरा निवेश

आम आदमी का आपरेटिंग सिस्टम कैसे बना विंडोज

आम आदमी का आपरेटिंग सिस्टम कैसे बना विंडोज

विज्ञान, गणित और तकनीक की शिक्षा क्यों जरूरी

विज्ञान, गणित और तकनीक की शिक्षा क्यों जरूरी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर भागे लोग

दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर भागे लोग

चीन से कर्ज को लेकर सतर्क है बांग्लादेश : शेख हसीना

चीन से कर्ज को लेकर सतर्क है बांग्लादेश : शेख हसीना

चीन को दरकिनार कर शेख हसीना की पेशकश, कहा- चटगांव-सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है भारत

चीन को दरकिनार कर शेख हसीना की पेशकश, कहा- चटगांव-सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है भारत

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को दिया करार जबाव, ब्रिटिश सांसद ने भी कड़ा जबाव देने को कहा

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को दिया करार जबाव, ब्रिटिश सांसद ने भी कड़ा जबाव देने को कहा

अतीक के कार्यालय से पिस्टल और रुपयों के बंडल बरामद

अतीक के कार्यालय से पिस्टल और रुपयों के बंडल बरामद

प्रदूषण से मिलेगी निजात, पराली से बनेगी बिजली

प्रदूषण से मिलेगी निजात, पराली से बनेगी बिजली

हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कैसे भागा अमृतपाल, क्या कर रही थी पुलिस?

हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कैसे भागा अमृतपाल, क्या कर रही थी पुलिस?

जानिए कौन है अमृतपाल सिंह, जिसने सुलगाई खालिस्तान और अलगाववाद की आग?

भगौड़े अमृतपाल के खिलाफ एलओसी व गैर जमानती वारंट जारी

फांसी के बजाय दर्द रहित मृत्यु दंड का विकल्प तलाशने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर

फांसी के बजाय दर्द रहित मृत्यु दंड का विकल्प तलाशने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर

7-9 अप्रैल तक जयपुर में होगा राष्ट्रीय सेवा संगम

7-9 अप्रैल तक जयपुर में होगा राष्ट्रीय सेवा संगम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies