प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है। हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न हाउस में भी एक ताकत के रूप में उभर रहे हैं। 2014 में जब हमारी सरकार आई थी तब देश में 400 के आसपास स्टार्टअप्स हुआ करते थे, लेकिन आज 8 वर्ष के छोटे से कालखंड में हमारे देश में करीब 70,000 रिकॉग्नाइज स्टार्टअप्स हैं। आज देश में जितनी प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति है, उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है इसलिए देश में युवा नई ऊर्जा के साथ विकास को नई गति दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह बातें शुक्रवार देर शाम को नई दिल्ली से वर्चुअली रूप से मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति का शुभारंभ करने के दौरान कही। इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य जनप्रतिनिधि और युवा मौजूद रहे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले स्टार्टअप करने वाले तीन युवाओं से संवाद भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस आयोजन के लिए प्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार आई थी, तो देश में 300-400 के आसपास स्टार्टअप थे। आज भारत में स्टार्टअप की दुनिया ही बदल गई। आज हमारे देश में करीब 70 हजार नए स्टार्टअप हैं। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है। आठ साल पहले स्टार्टअप शब्द की बहुत ही कम चर्चा थी। इन आठ साल में सोची समझी प्लानिंग से स्टार्टअप क्रांति आई। हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न स्टार्टअप में भी सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं। शून्य से शुरुआत करके यूनिकॉर्न बनने का मतलब होता है, करीब 7 हजार करोड़ रुपये की पूंजी तक पहुंचना। आज हमारे देश में हर 7 दिन में एक नया यूनिकॉर्न स्टार्टअप तैयार हो रहा है। भारत में जितना बड़ा स्टार्टअप का वॉल्यूम है, उतनी ही बड़ी उसकी डायवर्सिटी भी है।
उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स टीयर टू और टीयर थ्री सिटी में आते हैं। स्टार्टअप का दायरा बहुत बड़ा है। स्टार्टअप हमें कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं। हम देख रहे हैं, कल के स्टार्टअप्स आज के मल्टीनेशनल बन रहे हैं। मुझे खुशी है, आज कृषि, रिटेल और खेल के सेक्टर में नए-नए स्टार्टअप्स आ रहे हैं। आज जब हम दुनिया को भारत के स्टार्टअप इको सिस्टम की तारीफ करते हुए सुनते हैं तो हर भारतवासी को गर्व होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में नए आइडिया से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है। ये हमने आईटी रिवोल्यूशन के दौर में भलीभांति महसूस किया है। उस दौर में हमारे युवाओं को जितना समर्थन मिलना था वो नहीं मिला। हमने देखा कि एक पूरा दशक बड़े-बड़े घोटालों में, पॉलिसी पैरालिसिस में निकल गए। हमारे युवाओं के पास पहले भी सबकुछ था, लेकिन पहले की सरकारों की नीतियों के अभाव की वजह से उलझ कर रह गए।
उन्होंने कहा कि देश में आज जितनी प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति हैं उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। आज मध्य प्रदेश में स्टार्टअप पोर्टल और आई-हब इंदौर का शुभारंभ हुआ है। मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति के तहत स्टार्टअप और इन्क्यूबेटर को वित्तीय सहायता दी गई है। देश में जब हैकाथॉन शुरू हुए तो किसी को अंदाजा नहीं था कि यह इतना बड़ा हो जाएगा। इससे युवाओं को पर्पज ऑफ लाइफ मिला, सेंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी बढ़ी। मुझे खुशी है कि आज भी देश के किसी न किसी हिस्से में हर रोज कोई न कोई एक हैकाथॉन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज आईडिया की हैंड होल्डिंग कर इंडस्ट्री में बदलने का बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। अगले साल हमने अटल इनोवेशन शुरू किया। स्कूलों में अटल टिंगरिंग लैब से लेकर यूनिवर्सिटी में इंक्यूबेशन सेंटर एक बहुत बड़ा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है। 10 हजार से ज्यादा स्कूलों में अटल टिंकरिंग सेंटर चल रहे हैं। इनोवेशन की एबीसीडी सीख रहे हैं। ये स्टार्टअप की नर्सरी के रूप में काम कर रही है। इंक्यूबेशन के साथ स्टार्टअप के लिए फंडिंग भी जरूरी है। एक और बड़ा काम आधुनिक इंफास्ट्रक्चर पर हुआ है। आईडिया टू इंडस्ट्री के कई प्रयासों के कारण स्टार्टअप और यूनिकॉन कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं। आज हम जो भी करेंगे उससे नए भारत का भविष्य तय होगा। देश की दिशा तय होगी। भारत की ग्रोथ स्टोरी व सक्सेस स्टोरी इस दशक में एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। टॉय इंडस्ट्री, टॉय को लेकर भारत की एक बहुत समृद्ध विश्व विरासत रही है। अभी ग्लोबल मार्केट शेयर में भारत का योगदान एक फीसदी से भी कम है। इसे बढ़ाने में भी मेरे देश के नौजवान स्टार्टअप लेकर आएं।
उन्होंने कहा कि भारत मोबाइल गेमिंग के मामले में दुनिया के टॉप 5 देशों में है। भारत की गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 40 फीसदी से भी ज्यादा है। इस बार के बजट में हमने एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक इस सेक्टर के सपोर्ट पर भी जोर दिया है। सस्ते स्मार्टफोन और सस्ते डाटा ने गांव के गरीब और मिडिल क्लास को भी कनेक्ट किया है। इससे स्टार्टअप के लिए नए एवेन्यू व मार्केट खुल गए हैं। ऐसे ही प्रयासों के कारण स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न देश के लाखों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब दिल में जोश हो, नई उमंगे हों, इनोवेशन का जज्बा हो, तो उसका प्रभाव अलग ही होता है। हमने तीन बातों पर फोकस किया। पहला- आईडिया इनोवेट इनक्यूबेट एंड इंडस्ट्री। दूसरा- सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण और तीसरा- मिशन के लिए माइंडसेट में परिवर्तन, नए इकोसिस्टम का निर्माण। स्टार्टअप हमें एक कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में स्टार्टअप्स से जुड़े नौजवान साथियों से संवाद किया।
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