मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन रोजगार को लेकर काफी गंभीर हैं। इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव से सभी आयोगों की सौ दिनों में लक्ष्य के अनुरूप भर्ती की रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने निर्देश दिया है कि अद्यतन स्थिति की सभी आयोगों के चेयरमैन के साथ समीक्षा कर रिपोर्ट दें। साथ ही प्राथमिकता के आधार पर सभी रिक्त पदों पर चयन की कार्यवाही शुरू करें और चयन की प्रक्रिया को सौ दिनों के लक्ष्य के तहत पूरा करें।
सीएम योगी ने बुधवार को लोक भवन में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उच्चतर सेवा शिक्षा चयन आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, पुलिस भर्ती बोर्ड सहित अन्य चयन आयोगों की समीक्षा बैठक की थी। सरकार सभी विभागीय रिक्तियों को शीघ्रता से भरने के लिए प्रतिबद्ध है। रिक्त पदों पर समयबद्ध चयन के लिए समय से अधियाचन भेजने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने गत वर्षों में पारदर्शिता से बिना भेदभाव के दक्ष युवाओं को सेवायोजित किया है। सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का कोई भी स्थान नहीं है। इसका कठोरता से पालन किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि सौ दिनों में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन के लिए भारत सरकार की रोटेशन नीति के अनुसार प्रदेश में कार्मिकों के पटल परिवर्तन की प्रभावी व्यवस्था लागू की जाए। ज्येष्ठता आधारित विभागीय प्रोन्नतियों में एकरूपता के लिए उपयुक्तता का मानक निर्धारित किया जाए।
36 हजार से अधिक पदों पर छह माह में होगी भर्ती
सीएम योगी ने निर्देश दिए कि चयन वर्ष की सीधी भर्ती के लिए सभी विभागों द्वारा अधियाचन 31 मई से पूर्व भेजा जाए, ताकि 36 हजार से अधिक पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की प्रक्रिया चरणवार सौ दिनों और छह माह में शुरू कर सके। उन्होंने विभागों के सीधी भर्ती के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से इंडक्शन ट्रेनिंग की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। हर प्रशासनिक विभाग द्वारा इंडक्शन ट्रेनिंग माड्यूल और वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करे। साथ ही समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों के लिए इनसर्विस प्रशिक्षण व्यवस्था को प्रभावशाली ढंग से लागू करें, उत्तर प्रदेश प्रशासन और प्रबन्धन अकादमी द्वारा वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करें।
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