मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती पर बांग्ला अकादमी के विशेष सम्मान दिए जाने पर बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन ने कड़ी आलोचना की है। तसलीमा ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कहा है- ‘यदि बदमाश, बेशर्म हत्यारा, लुटेरा चोर है तो समझ में आता है लेकिन जब कला और साहित्य की दुनिया में लोग बेशर्म हो जाते हैं, तो उस समाज से कुछ भी उम्मीद नहीं की जा सकती। अच्छा हुआ कि मैं अब उस शहर में नहीं रहती। अगर मैं रहती तो मुझे निराशा होती।’
কী? মূখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কে বাংলা আকাদেমি সাহিত্য পুরস্কার দেওয়া হয়েছে? ওঁর হাম্বা হাম্বা কবিতাটি ওই বইয়ে আছে…
Posted by Taslima Nasrin on Monday, May 9, 2022
उन्होंने कहा है- ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बांग्ला अकादमी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी हंबा हंबा कविता उस किताब में है। यह अच्छा है कि मैं अब कोलकाता में नहीं हूं। कवियों और लेखकों के लिए जितना सम्मान था, लोगों की ईमानदारी और साहस के लिए जितना ही आकर्षण, उस शहर के लिए जितना पूर्वाग्रह था, वह सब धीरे-धीरे जा रहा है। चारों तरफ चाटुकारिता चल रही है। पैसा, सत्ता, नाम और पुरस्कार के लालच ने इंसान को इतना छोटा कर दिया है कि अब किसी का चेहरा नहीं दिखता।’
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