पन्नू से परेशान पंजाब
Wednesday, May 25, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत पंजाब

पन्नू से परेशान पंजाब

कनाडा में रहकर भारत को अस्थिर करने की मंशा पालने वाले गुरपतवन्त सिंह ‘पन्नू’ का इलाज बहुत जरूरी हो गया है।

राकेश सैन by राकेश सैन
May 10, 2022, 11:36 am IST
in पंजाब
पटियाला में खालिस्तान समर्थकों का उत्पात, ( प्रकोष्ठ में ) पन्नू

पटियाला में खालिस्तान समर्थकों का उत्पात, ( प्रकोष्ठ में ) पन्नू

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

कनाडा में रहकर भारत को अस्थिर करने की मंशा पालने वाले गुरपतवन्त सिंह ‘पन्नू’ का इलाज बहुत जरूरी हो गया है। पिछले दिनों पटियाला में जो कुछ हुआ, उसके पीछे पन्नू ही है। वह पंजाब को एक बार फिर से सुलगाना चाहता है

गत दिनों पटियाला में खालिस्तान के मुद्दे को लेकर दो गुटों में हुई झड़प और हिंसा के कारण जिले में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। यह झड़प ऐतिहासिक काली माता मंदिर के बाहर उस समय हुई जब शिवसेना(बाल ठाकरे) नामक एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकालना शुरू किया। उधर निहंगों सहित कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने भी इस कार्यक्रम के खिलाफ एक और मार्च निकाला। मंदिर के पास दोनों गुट आमने-सामने आ गए और पथराव करने लगे। स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए पुलिस को हवा में गोली चलानी पड़ी।

वैसे तो पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद की समस्या दशकों पुरानी है, परंतु राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद इन असामाजिक तत्वों ने फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आआपा) की संदिग्ध गतिविधियों और इसके नेताओं पर लग रहे अलगाववादियों से नजदीकियों के आरोप के बाद खालिस्तानी तत्वों को लगने लगा है कि अब सत्ता की ताकत उनके साथ है। इस कारण वे अब राज्य में अधिक आक्रामक हो गए हैं। पटियाला में काली माता मंदिर पर हुए हमले से पहले अमृतसर में शिव मंदिर को तोड़ने की घटना से स्पष्ट है कि देश-विरोधी शक्तियां पंजाब में हालात को खराब करने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने राज्य के मुख्यमंत्री और कई बड़े मंदिरों को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। यह धमकी भरा पत्र सुल्तानपुर लोधी रेलवे स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर को मिला। जम्मू से भेजा गया यह पत्र रेलवे स्टेशन की सामान्य डाक से आया। जीआरपी तथा पंजाब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पत्र में जैश ने पंजाब को दहलाने की धमकी देते हुए जालंधर के देवी तालाब मंदिर, पटियाला के ऐतिहासिक काली माता मंदिर के अलावा जालंधर, फगवाड़ा व सुल्तानपुर लोधी स्टेशनों समेत 21 स्थानों पर धमाकों की धमकी दी। धमकी देने वाले ने कहा है कि वह 21 से 23 मई तक पंजाब में बम धमाके करेगा। राज्य के वर्तमान हालात को देखकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यहां का वातावरण तनाव से भरा है, जिसमें खालिस्तानी, जिहादी, नक्सली तत्व हालात को और विषाक्त कर रहे हैं।

पटियाला की घटना प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के गुरपतवन्त ‘पन्नू’ के उस आह्वान के बाद हुई, जिसमें उसने 29 अप्रैल को पंजाब के साथ-साथ हरियाणा व देश के अन्य हिस्सों में खालिस्तानी झंडे फहराने को कहा। इससे पूर्व राज्य के कई हिस्सों में इस तरह के फसादी झंडे फहराए भी गए और पुलिस ने इनको हटवा दिया। इसके खिलाफ शिवसेना (बाल ठाकरे) ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकालने की घोषणा कर दी। अपनी तय घोषणा के अनुसार शिवसेना के कुछ कार्यकर्ता यह मार्च निकाल रहे थे कि हथियारबंद खालिस्तानी समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया।

आआपा सरकार की विफलता
इस घटना को आआपा सरकार की प्रशासनिक असफलता कहा जा सकता है, क्योंकि आतंकी पन्नू ने लगभग बीस दिन पहले और शिवसेना (बाल ठाकरे) ने 17 अप्रैल को अपने-अपने कार्यक्रमों की घोषणा कर दी थी। कई सिख और सामाजिक संगठनों ने विभिन्न जिलों में जिला आयुक्तों को ज्ञापन देकर इस तरह के टकराव की आशंका जताई भी थी। इतना ही नहीं, अपने-अपने कार्यक्रमों को लेकर दोनों पक्षों के लोग सोशल मीडिया पर परस्पर खूब गाली-गलौज करते रहे और एक-दूसरे को देख लेने की धमकियां दे रहे थे, परन्तु राज्य सरकार आंख, कान और नाक बंद किए बैठी रही। पुलिस को पूरी जानकारी होने के बावजूद न तो सुरक्षा के प्रबंध किए गए और न ही शरारती तत्वों की गिरफ्तारी की गई।

पंजाब में जहां मुख्यमंत्री भगवन्त मान अनुभवहीन हैं, वहीं उनका लगभग दो माह का कार्यकाल बताता है कि वे दिल्ली के ‘खड़ाऊं मुख्यमंत्री’ हैं और उनमें नेतृत्व योग्यता का अभाव है। राज्य की बिगड़ रही परिस्थितियों व कमजोर सरकार ने वातावरण को भयावह बना दिया है।

सोशल मीडिया पर हो रहे देश-विरोधी दुष्प्रचार को रोकने का कोई प्रयास नहीं हुआ। परिणामस्वरूप वही हुआ जिसकी आशंका थी। पटियाला की घटना के संदर्भ में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है वे किसान आंदोलन में भी हिस्सा ले चुके हैं। हिंसा का मुख्य आरोपी बरजिन्दर सिंह परवाना दमदमी टकसाल राजपुरा जत्थे का प्रमुख है। ज्ञात रहे कि खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाला भी टकसाल का ही मुखिया रहा था। परवाना आपराधिक प्रवृत्ति का आदमी है और उस पर हत्या, महिलाओं से मारपीट सहित कई तरह के मामले विचाराधीन हैं। वह सोशल मीडिया पर भी खुल कर अलगाववाद का जहरीला प्रचार करता है और किसान आंदोलन के दौरान भी सक्रिय रहा है। किसान आंदोलन के दौरान परवाना अपने जत्थे के साथ टीकरी सीमा पर सक्रिय था।

जेबी संगठन
अब बात पंजाब में सक्रिय कई दर्जन उन शिवसेनाओं की, जिनमें न तो शिव है और न ही सेना। आरोप लगता है कि कांग्रेस व अकाली दल द्वारा पोषित इन शिवसेनाओं का उद्देश्य राज्य में हिन्दू वोट बैंक में सेंधमारी है। राज्य में कट्टरवाद की राजनीति इन्हीं तरह की सेनाओं व पोंगापंथी सिख संगठनों को साध और इनमें संतुलन बना कर की जाती है।

जहां मुख्यमंत्री भगवन्त मान अनुभवहीन हैं, वहीं उनका लगभग दो माह का कार्यकाल बताता है कि वे दिल्ली के ‘खड़ाऊं मुख्यमंत्री’ हैं और उनमें नेतृत्व योग्यता का अभाव है। राज्य की बिगड़ रही परिस्थितियों व कमजोर सरकार ने वातावरण को भयावह बना दिया है। ऐसे में समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वह दूध में दरार न पड़ने दे। 

शिवसेना के कई नेताओं पर आरोप लगते रहे हैं कि वे अपना रुतबा बढ़ाने और पुलिस सुरक्षा लेने के लिए इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना राजनीति करते हैं। जालंधर में तो एक मामला सामने आ चुका है कि कथित रूप से शिवसेना के एक नेता ने पुलिस सुरक्षा लेने के लिए खुद ही अपने ऊपर हमला करवाया, फिलहाल मामले की जांच चल रही है। शिवसेना के इस तरह के अपरिपक्व, मुंहफट नेता एक तरह से कट्टरपंथी सिख संगठनों के सहायक साबित होते हैं, क्योंकि इनकी गतिविधियों को देखकर अलगाववादी शक्तियां पूरी दुनिया में भारत व हिन्दुओं के खिलाफ दुष्प्रचार करती हैं।

पुलिस ने पटियाला की घटना के आरोप में शिवसेना से जुड़े जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें हरीश सिंगला, शंकर भारद्वाज, अश्विनी कुमार गग्गी, शिव देव व अन्य इसी तरह के नेता बताए जाते हैं। यह तो गनीमत है कि न तो कुकुरमुत्तों की तरह पनपी शिवसेनाओं को हिंदू समाज का समर्थन मिलता है और न ही पोंगापंथी सिख संगठनों को सिख समाज का। पटियाला की हिंसा को भी पंजाब में शिवसेना व कट्टरवादियों के बीच टकराव के रूप में लिया गया है न कि समाज के दो वर्गों के टकराव के रूप में।

पूरे घटनाक्रम का दु:खद पहलू यह है कि किस तरह पन्नू जैसा तुच्छ-सा व्यक्ति भी विदेश में बैठ कर देश विशेषकर पंजाब में आग लगाने में सफल हो जाता है। पन्नू का सारा काम सोशल मीडिया के सहारे चलता है और युवाओं को बरगलाने का पूरा प्रयास किया जाता है। देश में चले किसान आंदोलन के बाद पन्नू की सक्रियता और बढ़ गई है और उसके सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से संबंध होने के भी आरोप लगते रहे हैं।

पंजाब में जहां मुख्यमंत्री भगवन्त मान अनुभवहीन हैं, वहीं उनका लगभग दो माह का कार्यकाल बताता है कि वे दिल्ली के ‘खड़ाऊं मुख्यमंत्री’ हैं और उनमें नेतृत्व योग्यता का अभाव है। राज्य की बिगड़ रही परिस्थितियों व कमजोर सरकार ने वातावरण को भयावह बना दिया है। ऐसे में समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वह दूध में दरार न पड़ने दे।

Topics: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मदमुख्यमंत्री भगवन्त मानगुरपतवन्त सिंह ‘पन्नू’पोंगापंथी सिख संगठनआआपा सरकार‘सिख फॉर जस्टिस’पंजाब में खालिस्तानी अलगाववाद
ShareTweetSendShareSend
Previous News

देश में 12-14 उम्र के 3 करोड़ बच्चों ने ली कोरोना वैक्सीन, जानें कुल टीकाकरण और कोविड के हालात

Next News

‘असनी’ का असर : बंगाल के तटीय क्षेत्रों में तेज हवा के साथ भारी बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त

संबंधित समाचार

मोहाली धमाका : पठानकोट हमले से मेल खाता है इस्तेमाल ग्रेनेड, पुलिस हर एंगल से कर रही जांच

मोहाली धमाका : पठानकोट हमले से मेल खाता है इस्तेमाल ग्रेनेड, पुलिस हर एंगल से कर रही जांच

सिद्धपीठ श्रीदेवी तालाब मंदिर समेत पंजाब में 21 जगहों पर बम ब्लास्ट की धमकी

सिद्धपीठ श्रीदेवी तालाब मंदिर समेत पंजाब में 21 जगहों पर बम ब्लास्ट की धमकी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर सक्रिय आतंकी, घाटी में अराजकता फैलाने की कोशिश में पाकिस्तान

जम्मू कश्मीर : जैश-ए-मोहम्मद के माड्यूल का भंडाफोड़, आठ मददगार गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies