नए बन रहे कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के लिए ट्रेन की स्पीड कायम रखने में राजा जी टाइगर रिज़र्व एक रोड़ा बना हुआ है। वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर अभी स्पीड 35 किमी प्रति घंटा रखी गयी है, जबकि रेलवे इस मार्ग पर 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड चाहता है।
देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच सड़क पर तो 100 किमी से ज्यादा की स्पीड की सड़क तैयार हो गई है, लेकिन रेल यातायात अभी भी 35 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ही चल रहा है। रेल ट्रैक पर हाथियों और अन्य जीव जंतुओं की मौत के बाद से राजा जी टाइगर रिज़र्व के द्वारा ऐसा दिशा-निर्देश है।
रेलवे का नया प्रोजेक्ट ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक पहुंचने वाला है। हरिद्वार से ऋषिकेश और देहरादून आने पर यात्रियों का समय खराब हो रहा है। सिंगल ट्रैक होने की वजह से भी ट्रेन पास होने में देरी हो रही है। रेलवे प्रोजेक्ट्स की एक उच्च स्तरीय टीम इनदिनों इस समस्या के समाधान की दिशा में सर्वे कर रही है। सर्वे टीम राजा जी टाइगर रिज़र्व से गुजरने वाले क्षेत्र से पुल बनाकर अथवा भूमिगत सुरंग बनाकर ट्रेन की आवाजाही को सुनिश्चित करने पर विचार कर रही है। साथ ही हर्रावाला, ऋषिकेश रेलवे का नया ट्रैक बाईपास से निकालने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
रेलवे देहरादून, ऋषिकेश के बीच हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल कर चुका है और इस ट्रैक पर 120 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलाई जा चुकी है, लेकिन ऋषिकेश से हरिद्वार और हरिद्वार से देहरादून ट्रैक में आ रही गति की समस्या के समाधान के लिए अगले एक हफ्ते तक रेलवे की प्रोजेक्ट टीम यहां अपना सर्वे करेगी।
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