भाजपा युवा मोर्चा के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी रहत मिली है। हाईकोर्ट ने तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगा दी है। बग्गा के खिलाफ मोहाली की एक अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिसके खिलाफ बग्गा शनिवार देर रात पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए। बग्गा ने अपनी याचिका में कहा था कि अभियोजन पक्ष की मंशा सिर्फ उन्हें गिरफ्तार करने की है।
बग्गा की तरफ से वकील अनिल मेहता पेश हुए हैं। याचिका में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष की मंशा सिर्फ उन्हें गिरफ्तार कर अपने सियासी आकाओं को संतुष्ट करना है। इस मामले में बीजेपी नेता ने तुरंत सुनवाई की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई। ये सुनवाई जस्टिस अनूप चितकारा के घर पर हुई।
बता दें कि पंजाब पुलिस की हिरासत से छूटने के बाद से बग्गा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही थीं। बग्गा के खिलाफ मोहाली कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। मोहाली के न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) रवतेश इंद्रजीत सिंह की अदालत ने बीजेपी नेता बग्गा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया और पुलिस को गिरफ्तार करने और कोर्ट के सामने पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट से मिली राहत के बारे में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी ट्वीट कर जानकारी दी।
बग्गा ने पंजाब पुलिस की शुक्रवार की कार्रवाई को गैर-कानूनी करार देते हुए कहा कि पंजाब पुलिस ने उनके साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया है। उनको पुलिस ने वारंट भी नहीं दिखाया। वहीं, पगड़ी पहन लेने की गुजारिश को भी अनसुना कर दिया। करीब आठ पुलिस कर्मियों ने उठाकर अपने वाहन में डाल दिया। उसने मुझे अगवा कर लिया था।
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चेतावनी दी कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक कश्मीरी पंडितों पर दिए गए अपने बयान पर केजरीवाल माफी नहीं मांग लेते। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलेगा, उसके साथ आतंकी जैसा सलूक किया जाएगा। बग्गा ने आम आदमी पार्टी व मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह कश्मीर फाइल्स पर मुख्यमंत्री के बयान का विरोध करते रहेंगे। उनके इस बयान से कश्मीरी पंडितों को अपमान हुआ है। मुख्यमंत्री को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए।
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