श्रीलंका में आर्थिक व राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात ये हैं कि कोई भी नेता जिम्मेदार पद पर भी आने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। श्रीलंकाई संसद के डिप्टी स्पीकर चुने जाने के 24 घंटे के भीतर रंजीत सियाम बालापिताया ने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है।
श्रीलंका में राजपक्षे सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंकाई संसद में रंजीत सियाम बालापिताया को डिप्टी स्पीकर चुना था। चुनाव के 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाने को लेकर अनिच्छा जाहिर कर दी है। रंजीत सियाम बालापिताया ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को सूचित किया कि वह जल्द ही डिप्टी स्पीकर के पद से इस्तीफा देंगे।
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राजनीतिक संकट भी गहराता जा रहा है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पर एक बार फिर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। संकट से निपटने के लिए बुलाई गयी श्रीलंका सरकार के मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में राजपक्षे पर फिर से इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया। बताया गया कि मंत्रिमंडल की यह विशेष बैठक राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे द्वारा आपातकाल लागू किए जाने से पहले हुई थी। इसके बाद राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार आधी रात से आपातकाल घोषित कर दिया। श्रीलंका में एक महीने में दूसरी बार आपातकाल लागू किया गया है। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं। विपक्ष समेत प्रदर्शनकारी लगातार प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से इस्तीफा मांग रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से साफ इनकार किया है।
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