पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली भगवंत मान की सरकार ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिससे राज्य के लोगों में हाहाकार मच गई है। राज्य में खनन नीति न होने से रेत मनमानी कीमत पर बेची जा रही है। अवैध खनन व महंगी रेत पिछले दो चुनाव में राज्य में बड़ा मुद्दा रहा है। पिछली कांग्रेस सरकार में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रेत सस्ती करने के लिए कई दावे किए। कैप्टन ने मार्च, 2018 में हेलीकाप्टर से खनन साइटों का हवाई दौरा किया, पर न अवैध खनन पर लगाम लगी और न रेत की कीमत कम हुई।
2022 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कैप्टन को हटा चरणजीत सिंह चन्नी को नया सीएम बनाया तो उन्होंने सबसे पहले रेत कीमतें तय कर दीं। इस कारण कीमतों में काफी गिरावट आई। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी विधानसभा चुनाव में अवैध खनन को मुद्दा बनाया। उन्होंने दावा किया था कि पंजाब में रेत व बजरी का साल में 20 हजार करोड़ का कारोबार है। आप की सरकार बनी तो यह पैसा सरकार के खजाने में जाएगा लेकिन सरकार बनने के 50 दिन बाद भी रेत की कीमतों पर अंकुश नहीं लगा।
चन्नी के कार्यकाल की तुलना में भगवंत मान सरकार में कीमतें दोगुना से अधिक तक बढ़ गईं हैं। चन्नी सरकार के समय में प्रति सौ फुट रेत की कीमत 1,300 से 3,600 रुपये तक थी जोकि अब 2,800 से 4,000 रुपये तक हो गई है। हालात यह कि पंजाब में पड़ोसी राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्म-कश्मीर से भी महंगी रेत मिल रही है।
खनन मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस पर भी सरकार की पीठ थपथपाई है और कहा है कि अवैध खनन रुकने से रेत की आपूर्ति रुक गई है और इससे रेट के दाम बढ़े हैं।
उधर, रेत विक्रेताओं का कहना है कि आप की सरकार बनने के बाद राज्य में रेत खनन बंद है। क्रशर बंद हो चुके हैं। खड्डों से रेत नहीं निकल रही है, इसलिए लोग हिमाचल से रेत ला रहे हैं, जो महंगी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल से रेत पंजाब लाने में किराया भी लग रहा है जिस कारण रेत को महंगे दामों पर बेचना मजबूरी हो गई है।
पड़ोसी राज्यों में रेत की कीमतें कम
पंजाब के पड़ोसी राज्यों हरियाणा के अंबाला में रेत प्रति सौ फुट बारीक के लिए 2,500 से 2,600 रुपये और मोटी के लिए 2,700 से 2,800 रुपये है। हिसार में बारीक रेत 3,100 और मोटी रेत 3,500 रुपये में मिल रही है। जम्मू में कीमत 3,000 है। हिमाचल के ऊना में 2,200 और बद्दी में 2,800 में रेत बिक रही है।
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