चारधाम के धार्मिक सर्किट पर विकास कार्य प्रगति पर है। गढ़वाल की इन योजनाओं के बाद अब कुमायूं के तीर्थ स्थलों के विकास के लिए काम शुरू होने जा रहा है। मुख्य सचिव ने एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इच्छा की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि गढ़वाल के बाद अब कुमायूं के तीर्थस्थलों पर भी यात्री सुविधाओं को सुधारा जाआ, यहां श्रद्धालुओं के लिए आरामदेह यातायात और रहने खाने का प्रबंध किया जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव एसएस संधू को निर्देशित किया है। मुख्य सचिव संधू ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर मानसखण्ड मंदिर माला प्रोजेक्ट की रूपरेखा बनाते हुए सभी विभागों को डीपीआर बनाने को कहा है। मुख्य सचिव संधू ने कुमायूं के 21 स्थलों पर हाई-वे से रोप-वे बनाने की योजना को भी इसमेंशामिल किया है।
मुख्य सचिव एसएस संधू ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत, नैनीताल, बागेश्वर, उधमसिंह नगर जिलों में स्थापित मंदिरों और गुरुद्वारों को मंदिर माला प्रोजेक्ट में शामिल करने को कहा है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी सचिव आर के सुधांशु को सभी धार्मिक स्थलों तक सड़के चौड़ी करने और मंदिर परिसर के आसपास पार्किंग और अन्य सुविधाएं बनाने के लिए डीपीआर बनाने को कहा है। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि जो मंदिर पहाड़ियों पर हैं वहां रोप-वे बनाने पर विचार करें। उन्होंने कहा कि रानीबाग से नैनीताल तक रोप-वे की योजना है। इसके अलावा कुल 21 रोप-वे बनाये जाने का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है। सरकार चाहती है कि पर्यटन तीर्थाटन के लिए आधुनिक सुविधाओं का होना जरूरी है, इसलिए हम हेलीकॉप्टर सेवाओं पर भी ध्यान दे रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक कुमायूं के 29 मंदिरों, गुरुद्वारों को मंदिर माला प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया है। कैलाश मानसरोवर जल भूमि क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र को मानसखण्ड भी पुराने ग्रंथो में कहा गया है। मुख्यमंत्री धामी चाहते हैं कि चारधामों की तरह जागेश्वर, बागेश्वर, बैद्यनाथ, चित्तई ,नैनादेवी, नानकमत्ता, रीठा साहिब, कैंचीधाम, बाराही देवी, पातालभुवनेश्वर, हट कालिका आदि क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन रूट को सुगम बनाया जाए।
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