झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और विधायक भाई बसंत सोरेन पर आरोप हैं कि इन लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम से ही खनन का ठेका ले लिया। मामला उच्च न्यायालय से लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच गया है। राज्यपाल ने भी कहा है कि जो कागजात उपलब्ध हुए हैं, वे हेमंत के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त हैं। यही नहीं, हेमंत के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पर भी अपने पद के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। इसलिए लोग मान रहे हैं कि हेमंत का सिंहासन हिलने लगा है।
हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने पत्थर खदान का पट्टा अपने नाम कर लिया है। यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोरेन पर एक और बड़ा आरोप लगाकर राज्य की राजनीति में उबाल ला दिया। 25 अप्रैल को एक प्रेस वार्ता में रघुवर दास ने उन पर आरोप लगाया कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के नाम से बीजू पड़ा चानो प्रखंड स्थित बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित की गई है।
यह भूमि सोहराय लाइफ प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है, जो कल्पना सोरेन और उनकी बहन सरला सोरेन के नाम पर है। रघुवर दास ने मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद (पिंटू) पर भी खदान का पट्टा लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल, 2021 को अभिषेक प्रसाद की कंपनी शिवशक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर साहिबगंज के पकरिया ग्राम में 11.7 एकड़ भूमि पट्टे पर दी गई, जिसकी अवधि 10 वर्ष की है। सरकारी कागजातों के अनुसार उस पर 90,00,000 रु. का निवेश भी दिखाया गया है। इसी तरह पंकज मिश्र को महाकाल स्टोन के नाम से साहिबगंज जिले के गिला मारी मौजा में खदान आवंटित की गई है।
कानूनन मुख्यमंत्री स्वयं या उनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी ठेका या किसी खदान का पट्टा नहीं ले सकता। ऐसा करना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) के तहत दंडनीय अपराध है। सबसे पहले रघुवर दास ने 28 जनवरी को बसंत सोरेन की ग्रैंड माइनिंग कंपनी को लेकर कई सवाल उठाए थे। उनके अनुसार ग्रैंड माइनिंग कंपनी पर सरकार का 8 करोड़ रुपया बकाया है, लेकिन बकाया राशि वसूली नहीं गई। इसके बावजूद यह कंपनी पत्थरों का खनन कर बांग्लादेश भेज रही है। फिर 10 फरवरी को रघुवर दास ने सोरेन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को भी इस पट्टे की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सोरेन को बर्खास्त करने की मांग की। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल ने इस संबंध में निर्वाचन आयोग से परामर्श मांगा।
आरोप के अनुसार हेमंत ने रांची जिले के अनगड़ा मौजा, थाना नंबर-26, खाता नंबर-187, प्लाट नंबर-482 में हो रहे पत्थर के खनन का पट्टा अपने नाम ही ले लिया। बता दें कि हेमंत सोरेन राज्य के खनन मंत्री भी हैं। इसके बाद रघुवर दास और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को भी इस पट्टे की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सोरेन को बर्खास्त करने की मांग की।
मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल ने इस संबंध में निर्वाचन आयोग से परामर्श मांगा। उन्हें परामर्श मिल गया है। इसी बीच एक सामाजिक कार्यकर्ता शिव शंकर शर्मा ने झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि मामला काफी गंभीर है, साथ ही अदालत ने सरकार से जवाब भी मांगा।
न्यायालय के इस कदम के बाद से झारखंड में अटकलों का बाजार गर्म है। अब वक्त ही बताएगा कि हेमंत की कुर्सी बचेगी या जाएगी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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