मोदी सरकार की अहम रेल परियोजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में 80 फीसदी काम पूरा होने जा रहा है। केवल सहारनपुर जिले की सीमा में दो पुल निर्माण होने बाकी हैं, जिसकी शासन से एनओसी मिल चुकी है।
जानकारी के मुताबिक सहारनपुर से मुजफ्फरनगर से पिलखनी तक दो पुल निर्माण की बाधा खत्म होने के बाद शेष बचे निर्माण कार्य को पांच महीने में पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। खुर्जा से सहारनपुर तक बने मिट्टी-गिट्टी ट्रैक पर रेल लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रैक पर मिट्टी का कार्य ज्यादातर पूरा हो चुका है।
खुर्जा से पिलखनी तक 222 किलोमीटर का कार्य, भारत की सबसे बड़ी निर्माण कम्पनी लार्सन एंड ट्यूब्रो (एलएंडटी ) कर रही है। रेल यात्रा मार्ग में 21 स्टेशन होंगे, जिनमें से 10 स्टेशनों का निर्माण दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इस नए ट्रैक पर इसी साल नवंबर तक ट्रायल हो जाने का लक्ष्य निर्धारित है। एलएंडटी प्रतिदिन डेढ़ किमी रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
पुलों के निर्माण के बाद ट्रैक का ट्रायल
एलएंडटी कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. रमन चौधरी ने बताया कि प्रोजेक्ट में मिट्टी का 87 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। मुजफ्फरनगर के करीब 10 गांवों में मिट्टी कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिसमें किसान यूनियन के विरोध, विभाग से अनुमति, पिछले साल ज्यादा बारिश और अतिरिक्त मुआवजे के मुद्दे से मिट्टी का कार्य देरी हुआ है। इसके समाधान निकाले जा रहे हैं। सहारनपुर जिले में देवबंद के पास पुल नंबर 210 और पिलखनी के पास पुल नंबर 227 के निर्माण की शासन से स्वीकृति मिल चुकी है। इन दो पुलों के निर्माण के बाद ट्रैक का ट्रायल किया जाएगा।
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