त्रिपुरा के उनाकोटी में जम्मू से आए 10 बच्चों और 8 महिलाओं सहित 24 रोहिंग्या को हिरासत में लिया गया। खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पिछले सोमवार शाम को जितुर्दीघीपुर जांच द्वार पर तीन कारों को रोका था। इसके बाद बीएसएफ जवानों ने पुलिस को सौंप दिया। पुलिस इन्हें पूछताछ के लिए कैलाशहर पुलिस स्टेशन ले आई। जहां पड़ताल के दौरान इन लोगों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी शरणार्थी कार्ड दिखाए। इसके बाद सामान्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इन लोगों को कहां जाना है।
आखिर जम्मू से त्रिपुरा क्यों पहुंचे रोहिंग्या ?
जांच के दौरान इन रोहिंग्याओं के पास यकीनन यूएनएचसीआर कार्ड मिले, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि आखिर ये जम्मू से त्रिपुरा क्यों गए ? उनाकोटी के पुलिस अधीक्षक किशोर देबबर्मा के अनुसार सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने तीन कारों में यात्रा कर रहे रोहिंग्याओं को पिछले सोमवार शाम जितुर्दीघीपुर चेक गेट पर हिरासत में लिया था। इसके बाद बीएसएफ ने 24 रोहिंग्या को पुलिस को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि उनके पास संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी कार्ड हैं और यहां उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। इसलिए उन्हें तय दिशानिर्देशों के मुताबिक रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या जम्मू से होते हुए कोलकाता और गुवाहाटी के रास्ते कुमारघाट रेलवे स्टेशन आए थे। खबरों के अनुसार इन सभी ने कैलाशहर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से बांग्लादेश पार करने की योजना बनाई थी। इसलिए वे कैलाशहर की सीमा पर आए। बता दें कि 28 अप्रैल को उत्तरी त्रिपुरा जिले के धर्मनगर रेलवे स्टेशन के पास से भी छह रोहिंग्याओं को पकड़ा गया था।
भारत में करते हैं घुसपैठ
रोहिंग्या मुसलमान भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों से घुसपैठ करते आ रहे हैं। वह अवैध रूप से प्रवेश करते हैं फिर भारत के अलग—अलग राज्यों में बस जाते हैं और आधार कार्ड, पहचान पत्र आदि बनवाकर भारत के नागरिक बन जाते हैं और यहां के लोगों का हक मारते हैं। पिछले दो वर्ष के दौरान 200 से अधिक रोहिंग्याओं को विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा सुरक्षा बल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिया गया है।
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