दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार अपने चुनावी वायदे को पूरा करने के चक्कर में दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली परिवहन निगम यानी डीटीसी को घाटे में धकेल रही है। दिल्ली जल बोर्ड को प्रतिवर्ष 2,000 करोड़ रु. और डीटीसी को 2,200 करोड़ रु. का घाटा हो रहा है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार मुफ्त—मुफ्त की बात तो करती है, लेकिन इसका नुकसान उन प्रतिष्ठानों और निगमों को हो रहा है, जिन्हें वर्षों की मेहनत और अरबों रु. खर्च कर बनाया गया था। ये निगम इसलिए बनाए गए थे कि लोगों को सुविधाएं मिलें। पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए इन निगमों को निचोड़ रहे हैं और इस कारण ये जबर्दस्त घाटे में जाने लगे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय दिल्ली जल बोर्ड पर 60,000 करोड़ रु. का कर्ज है। इसके साथ ही जल बोर्ड हर वर्ष 2,000 करोड़ रु. का घाटा झेल रहा है। भाजपा सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी का कहना है कि सात साल पहले यानी केजरीवाल सरकार से पहले दिल्ली जल बोर्ड 500 करोड़ रु. लाभ में था। यानी केजरीवाल सरकार बनने के बाद दिल्ली जल बोर्ड घाटे में जा रहा है। दिल्ली सरकार की ही एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय दिल्ली में 63 प्रतिशत लोगों को पाइप लाइन के माध्यम से पानी नहीं मिल रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी ने सात साल पहले ही वायदा किया था कि उसकी सरकार बनते ही दिल्ली में टैंकर माफिया को खत्म कर हर घर तक पाइप लाइन से पानी पहुंचाया जाएगा। लेकिन हो रहा है उल्टा। केजरीवाल के राज में दिल्ली में टैंकर माफिया और बढ़ गए हैं। दिल्ली की एक बड़ी आबादी पानी के लिए इन्हीं टैंकर माफिया पर निर्भर है। इस कारण इन्हें कई—कई दिनों तक पानी नहीं मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि सात साल पहले दिल्ली को 850 एमजीडी पानी की आवश्यकता थी, जो आज 1300 एमजीडी तक बढ़ गई है। इस समय दिल्ली जल बोर्ड केवल 900 एमजीडी पानी ही दे पा रहा है। घाटे के कारण दिल्ली जल बोर्ड अपने ढांचागत सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं कर पा रहा है। इसका दुष्परिणाम दिल्ली के लोग भुगत रहे हैं।
यही हाल डीटीसी का भी है। एक रिपोर्ट के अनुसार डीटीसी को हर वर्ष 2,200 करोड़ रु. का घाटा हो रहा है, जबकि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से पहले यह घाटा 1019 करोड़ रु. का था। भाजपा विधायक विजेन्द्र गुप्ता के अनुसार डीटीसी की जितनी भी बसें आज चल रही हैं सब 12 साल पुरानी और 7.5 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं। ऐसी 1,000 बसें हैं और इनके रखरखाव में लाखों रु. खर्च किए जा रहे हैं।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मोहल्ला क्लिनिक के मामले में अरविंद केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सहित देश के सभी राज्यों में जाकर केजरीवाल कहते हैं कि उनके द्वारा बनाए गए 1,000 मोहल्ला क्लीनिक विश्व स्तरीय हैं, जबकि सचाई यह है कि दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की संख्या केवल 200 है और उनमें से भी 50 प्रतिशत क्लीनिक खुद ‘बीमार’ पड़े हैं।
दिल्ली सरकार रोजगार देने के मामले में भी झूठ बोल रही है। एक आरटीआई के माध्यम से पता चला है कि पिछले सात साल में दिल्ली सरकार ने केवल 440 लोगों को रोजगार दिया है, जबकि उसके नेता कहते हैं कि लाखों लोगों को रोजगार दिए गए हैं।
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