काशी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में जनपद न्यायालय के आदेश पर 10 मई तक सर्वे का कार्य पूरा किया जाना है। इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद के पक्षकार एस एम यासिन ने एक विवादित बयान दिया है। यासिन ने कहा है कि श्रृंगार गौरी मंदिर और अन्य विग्रहों की वीडियोग्राफी का मुस्लिम पक्ष विरोध करेंगे। आज तक मुस्लिम और सुरक्षाकर्मियों के अलावा कोई भी मस्जिद के अंदर नहीं गया है और आगे भी हम किसी को नहीं जाने देंगे।
उल्लेखनीय है कि वाराणसी के सिविल जज ने श्रृंगार गौरी मंदिर एवं अन्य विग्रहों की वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया है। वीडियोग्राफी एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से कराई जाएगी। वीडियोग्राफी के समय सभी वादी और प्रतिवादी भी मौके पर उपस्थित रहेंगे. 6 मई को दोपहर 3 बजे वीडियोग्राफी शुरू होनी है।
बता दें कि एडवोकेट कमिश्नर की ओर से 19 अप्रैल को सर्वे करके 20 अप्रैल की सुनवाई के दौरान न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। उसके ठीक पहले जिला प्रशासन ने शपथ पत्र दाखिल करके कहा कि सर्वे कराने से सुरक्षा भंग हो सकती है, इसलिए सर्वे न कराया जाए। उसके बाद न्यायालय ने फिर से दोनों पक्षों के तर्कों को सुना और निर्णय के लिए 26 अप्रैल की तारीख लगाई। श्रृंगार गौरी की ओर से अधिवक्ता मदन मोहन और सुभाष त्रिपाठी ने कहा कि 3 मई को मुस्लिमों का त्योहार है। ऐसे में 4 मई से 10 मई के बीच में एडवोकेट कमिश्नर, पक्ष और विपक्ष के साथ ज्ञानवापी परिसर का सर्वे होगा। इस प्रकरण में दस मई तक न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करना है।
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