3 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा प्रबन्धन के लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने शुरू के 45 दिनों के लिए सभी धामों में दर्शनार्थियों की संख्या निर्धारित कर दी है। ऐसा व्यवस्था की दृष्टि से किया गया है।
राज्य सरकार के धर्मस्व सचिव एच सेमवाल के आदेश के अनुसार रोजाना बदरीनाथ में 15000, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमनोत्री में 4000 तीर्थयात्रियों को ही प्रवेश मिलेगा। यानि कुल 38000 यात्रियों को एक दिन में चारधाम में दर्शन हो सकेंगे। धर्मस्व सचिव सेमवाल के आदेश के अनुसार चारधाम यात्रा मार्ग पर रात्रि दस से सुबह चार बजे तक यातायात भी बन्द रहेगा। चारधाम यात्रियों को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है। साथ ही वाहनों का प्रदूषण-फिटनेस प्रमाण पत्र लगाना होगा।
उल्लेखनीय है चारधाम यात्रा मार्ग पर वाहनों की दुर्घटनाओं को देखते हुए सड़क परिवहन विभाग की ये जिम्मेदारी तय की जाती है कि यात्रा सुरक्षित और सुगम हो। सरकार ने करीब दो लाख श्रद्धालुओं के आने की सूचना, ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होने के बाद चारधाम में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
चारधाम यात्रा कोविड 2019 के बाद पहली बार राज्य से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह से खुली है, जिसकी वजह से भी बदरी-केदार जाने वालों की भीड़ बढ़ी है। दूसरी ओर श्री हेमकुंड साहिब में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए भी गुरुद्वारा प्रबन्धन कमेटी के तरफ से गाइडलाइन तैयार की जा रही है। श्री हेमकुंड के द्वार मई के अंतिम सप्ताह में खोले जाएंगे। अभी वहां बर्फ हटाने का काम सिख रेजिमेंट द्वारा किया जा रहा है।
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