चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका अब नेपाल के करीब आने की रणनीति बना रहा है। इसके तहत अमेरिका की नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकार उपमंत्री उजरा जेया की अगुवाई में अमेरिकी टीम 20 से 22 मई तक नेपाल की यात्रा करेगी।
नेपाल और अमेरिका के बीच संबंधों को लेकर हाल ही में नए आयामों की शुरुआत हुई है। इस समय दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं। पिछले सप्ताह अमेरिकी सांसदों के दल ने नेपाल की यात्रा की थी। हाल ही में अमेरिकी संस्था मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) ने नेपाल को 50 करोड़ डॉलर की सहायता भी उपलब्ध कराई है। अब अमेरिकी मंत्री उजरा जेया नेपाल की यात्रा पर आ रही हैं। पहले उजरा को मई के पहले सप्ताह में नेपाल आना था, किन्तु नेपाल में स्थानीय चुनाव को देखते हुए इसे दो सप्ताह टाल दिया गया था। अपनी यात्रा के दौरान उजरा जेया प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और विदेश मंत्री नारायण खड़का से मिलेंगी। जेया एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आएंगी। एक दशक बाद इतना उच्चस्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल नेपाल आने वाला है।
इसके पहले 2012 में अमेरिकी उपमंत्रियों वेंडी शेरमन और मारिया ओटेरो ने नेपाल की यात्रा की थी। उजरा जेया अमेरिकी सरकार में तिब्बत मामलों की विशेष समन्वयक भी हैं। नेपाल में तकरीबन 10 हजार तिब्बती शरणार्थी हैं। इन शरणार्थियों पर चीन की भी नजर रही है। चीन कई बार इनके बीच तिब्बती आजादी के समर्थकों की गतिविधियों को लेकर चिंता जा चुका है। अब अमेरिकी टीम की नेपाल यात्रा से ये मामला भी उठ सकता है।
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