फिरोजाबाद जिले के टूंडला रेलवे स्टेशन में पिछले दिनों बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद होने की घटना की जांच में रेलवे पुलिस को रोज नई जानकारी मिल रही है। इस मामले में पकड़े गए शादाब और फैजान से मिली जानकारी के अनुसार ये कारतूस बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नक्सलियों तक बेचे जाते थे।
22 अप्रैल को जीआरपी ने एक सूचना पर रेलवे स्टेशन से दो युवकों को गिरफ्तार किया था। शादाब और फैजान नाम के इन दो युवकों के पास से 700 अवैध कारतूस बरामद किए गए थे। इन दोनों से पूछताछ के बाद जीआरपी ने 12 जिलों की पुलिस के साथ मिलकर प्रतापगढ़ से आशीष मिश्र और अमरोहा से प्रतीक सक्सेना को हिरासत में लिया। इनके पास से 4000 कारतूस बरामद हुए, जबकि मेरठ में मेरठ गन हाउस से भी अहम जानकारी हासिल करने के बाद उनकी दुकान के स्टॉक को सील कर दिया।
जीआरपी के एसपी मुश्ताक अहमद के अनुसार अभी कारतूस मामले में मास्टर माइंड फिरोज की तलाश की जा रही है, जिस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। फिरोज इस गैंग का सरगना है जो कि यहां से कारतूस लेकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक रसूखदार लोगों तक बेचता रहा है। एसपी अहमद ने बताया ये कारतूस बिहार, छत्तीसगढ़ के नक्सलियों तक पहुंचते रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिरोज यहां से कारतूस ले जाता था और वहां से पिस्टल और अन्य हथियार यहां लाकर बेचने का धंधा किया करता था।
एसपी ने बताया कि जिन-जिन शस्त्र विक्रेताओं से ये कारतूस खरीदे गए हैं। उनके यहां इसका कोई हिसाब किताब नहीं मिला है। लिहाजा उनके स्टॉक को सील कर दिया गया है। मेरठ पुलिस इसमें आगे कार्रवाई करेगी।
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