उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पारदर्शिता लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले आदेश दिया कि अफसरों, मंत्रियों एवं उनके परिजनों को संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करना होगा. अब मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि सरकार में कोई भी मंत्री 5 हजार रुपये से अधिक मूल्य का उपहार स्वीकार नहीं करेंगे. अगर कोई 5 हजार रूपये से महंगा उपहार लेता है तो उसे सरकारी संपत्ति समझा जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी सम्मान समारोह में शामिल होने से पहले आयोजन करने वाले कि जांच अवश्य करा लें. अगर आयोजक संस्था या संगठन पर किसी तरह का कोई आरोप पाया जाता है तो ऐसे आयोजनों में शामिल होने से परहेज करें.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों, आईएएस और आईपीएस अफसरों, उनकी पत्नी और परिजनों को अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का आदेश दिया था.
प्रत्येक वर्ष सभी मंत्री अपनी संपत्ति का ब्योरा देंगे. इसी प्रकार आईएएस और आईपीएस अफसर एवं उनके परिजन भी यह विवरण देंगे कि वर्तमान वर्ष में उनकी चल और अचल संपत्ति कितनी बढ़ी है या फिर घटी है. इसके साथ ही यह भी आवश्यक किया गया है कि संपत्ति के इस विवरण को वेबसाइट पर भी सार्वजनिक किया जाए. इसके पीछे मंशा यह है कि जनता को भी यह मालूम रहना चाहिए कि मंत्री या नौकरशाह के पास कितनी संपत्ति है. मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि किसी भी मंत्री के परिवार का कोई भी व्यक्ति सरकारी कार्य में दखल नहीं देगा. अगर ऐसा करता हुआ कोई पाया जाता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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