नारायणपुर: चर्च के चंगुल में फंसकर जिन्होंने छोड़ी वनवासी संस्कृति, उनकी बंद हों सभी सुविधाएं
Sunday, March 26, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत छत्तीसगढ़

नारायणपुर: चर्च के चंगुल में फंसकर जिन्होंने छोड़ी वनवासी संस्कृति, उनकी बंद हों सभी सुविधाएं

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में वनवासी समाज के हजारों लोगों ने एक रैली निकाली। इस रैली में एक स्वर में आवाज बुलंद की गई कि जो लोग ईसाई मिशनिरयों के चंगुल में आकर कन्वर्ट हो गए हैं, उनकी पहचान कर वनवासी समाज के नाम पर मिलने वाली सभी सुविधाओं को किया जाए बंद

Ashwani Mishra by Ashwani Mishra
Apr 27, 2022, 01:09 pm IST
in छत्तीसगढ़
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

भारत भूमि की संवैधानिक आस, डी लिस्टिंग कानून करो पास, युवाओं तुम जाग जाओ, ‘धर्मांतरित’ तुम भाग जाओ, कुलदेवी तुम जाग जाओ, ‘धर्मांतरित’ तुम भाग जाओ, विखंडनकारियों में मची खलबली,आ गया है महाबली, धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से किया जाए बाहर। दरअसल ये नारे बीते मंगलवार को छत्तीसगढ़ के उस नारायणपुर में लग रहे थे जहां चर्च और ईसाई मिशनियों द्वारा बराबर वनवासी समुदाय को कन्वर्ट किया जा रहा है। यूं तो यह पूरा इलाका प्राकृतिक सुंदरता से किसी भी का भी मनमोह लेता है। यहां की वनवासी संस्कृति अनूठी है है। लेकिन लंबे समय से इस अंचल को चर्च ने जकड़ रखा है। ईसाई मिशनरी धड़ल्ले से लोभ—लालच और छल—प्रपंच से भोले वनवासी समुदाय को ईसाई बनाने में लगी हुई हैं। इसी सबसे परेशान होकर नारायणपुर के हाईस्कूल मैदान में जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले एक विशाल सभा और रैली का आयोजन किया गया।

हजारों की तादाद में जुटा वनवासी समाज

सभा में हजारों की संख्या में वनवासी समाज ने भाग लिया। रैली में बच्चों से लेकर युवाओं तक और लड़कियों से लेकर महिलाओं तक ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह सभी तपती धूप में जिला मुख्यालय की सड़कों पर उतरे और समाज को जागरूक करते हुए सरकार से मांग की जो वनवासी परिवार ईसाई मिशनरियों के चंगुल में फंसकर कन्वर्ट हो गए हैं, सरकार द्वारा उन्हें मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद की जाएं। रैली में बखरुपारा, कुम्हारपारा, आश्रम, माहकाभाटा, अबूझमाड़ से बड़ी तादाद में लोग जुटे और जिला मुख्यालय की मुख्य सड़क से होते हुए रैली सोनपुर रोड, नया बस स्टैंड, कलेक्ट्रेट रोड होते हुए कार्यक्रम स्थल हाईस्कूल मैदान में पहुंची।

पारंपरिक परिधान में नजर आया वनवासी समाज

रैली की खास बात थी कि वनवासी समाज के युवक-युवतियां पारंपरिक परिधान में थे। इनके हाथ में तीर—धनुष, परंपरागत वाद्ययंत्र और डी लिस्टिंग के समर्थन में नारे लिखीं तख्तियां थीं। इस दौरान हाईस्कूल मैदान में लगभग 10 से 12 हजार की संख्या में जनजाति समाज के लोगों ने शामिल होकर न केवल ईसाई मिशनिरयों के खिलाफ आवाज बुलंद की बल्कि डी लिस्टिंग के संबंध में प्रशासन को अपनी बात से अवगत कराया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जन सुरक्षा मंच, झारखंड के सदस्य मेघा उरांव, जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रांत संयोजक भोजराज नाग, विशेष अतिथि विकास मरकाम, सहसंयोजक सर्व वनवासी समाज से सोनूराम कोर्राम, जिला संयोजक देशीराम टेकाम, भुरिया समाज से रूपसाय सलाम एवं अबूझमाड़िया एवं गोंड समाज से उनके प्रतिनिधि मौजूद थे।

वनवासी संस्कृति छोड़ने वालों की सुविधाएं हों बंद

सभा स्थल पर इलाके के विभिन्न वनवासी समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इन सभी का एक ही स्वर था कि जो लोग ईसाई बन गए हैं, उनकी आस्था वनवासी संस्कृति में न होकर कहीं और हो गई है। वह अपने पूर्वजों और परंपराओं का अपमान करते हैं। ऐसे में वह फिर वनवासी समाज के कैसे हो सकते हैं ? भुरिया समाज के अध्यक्ष रूपसाय सलाम ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में वनवासी समाज को संरक्षित करने के लिए हमें अपने पूर्वजों की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए। जो वनवासी परंपरा—संस्कृति को नहीं मानता, उसे डी लिस्टिंग द्वारा पहचानकर, वनवासी होने के कारण जो विशेष सुविधाएं दी जाती हैं, उसे वापस लेने का काम किया जाना चाहिए। हम इस आन्दोलन को गांव—गांव तक ले जाएंगे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित विकास मरकाम ने कहा कि वनवासी समाज का गौरवशाली इतिहास है। इस क्षेत्र में सदियों से महान गोंडवाना वनवासी राजा—महाराजाओं द्वारा शासन किया गया। यहां की परंपरा अनूठी है। इसलिए हमें अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति—परम्परा पर गर्व करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लेकिन एक साजिशवश बड़ी तादाद कन्वर्जन के जाल में फंस गई है। इन्होंने अपनी संस्कृति—परंपरा को छोड़ दिया है, लेकिन बावजूद इसके ये सारी सुविधाएं ले रहे हैं। हमारी मांग है कि ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध किया जाए और उन्हें आरक्षण की सूची से हटाया जाए। वनवासी समाज इसकी आवश्यकता को समझ रहा है। इसी का परिणाम है कि हजारों लोग नारायणपुर में एकत्र हुए हैं। डी लिस्टिंग होने तक ये कार्यक्रम देशभर में अनवरत जारी रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रांत संयोजक भोजराज नाग ने कहा कि हमारे द्वारा 2006 से विभिन्न मंचों से समाज जागरण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसका परिणाम है कि आज गांव-गांव इस समस्या को समझ रहे हैं और डी लिस्टिंग के पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में डॉ कार्तिक उरांव द्वारा संसद के संयुक्त संसद में 17 जून, 1967 को 235 सांसद के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को दिया गया था। ज्ञापन कहा गया था कि कुछ ऐसा संवैधानिक प्रावधान किया जाए, जिसके तहत जो लोग वनवासी आस्था—परम्परा को छोड़ चुके हैं, उन्हें जनजातीय सदस्य नहीं माना जाए। सरकार द्वारा गठित संयुक्त संसदीय समिति में भी यही सिफारिश की गई थी। इस सिफारिश को कानून के माध्यम से लागू करने की मांग भी की गई।

अधिकार छीनने का कर रहे काम

जन सुरक्षा मंच, झारखंड के सदस्य मेघा उरांव का कहना था कि आज डी लिस्टिंग की बहुत आवश्यकता है। क्योंकि जो लोग आस्था—परम्परा को छोड़ चुके हैं, तो उन्हें फिर किस बात का लाभ मिलना चाहिए। ऐसे लोग वनवासी समाज के अधिकार छीनने का काम कर रहे हैं। अगर ऐसे लोगों की पहचान हो जाएगी तो हमारे हक पर कोई डाका नहीं डाल सकेगा।

Topics: Trapped clutches Narayanpur Church culture shut down all facilities नारायणपुर चर्च चंगुल फंसकर छोड़ी वनवासी संस्कृति सभी सुविधाएं
ShareTweetSendShareSend
Previous News

प्रियंका यादव बनी थी प्रियंका प्रजापति, उर्दू अध्यापक की सेवा समाप्त, एफआईआर दर्ज 

Next News

उत्तराखंड : सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए 13707 करोड़ की योजना, राज्यपाल ने की समीक्षा

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

आज का इतिहास : 26 मार्च को शुरू हुआ था पर्यावरण रक्षा का महायज्ञ

आज का इतिहास : 26 मार्च को शुरू हुआ था पर्यावरण रक्षा का महायज्ञ

उत्तराखंड नहीं आई NIA की टीम, पुलिस ने कहा- अमृत पाल के प्रशंसकों पर रखी जा रही है नजर

उत्तराखंड नहीं आई NIA की टीम, पुलिस ने कहा- अमृत पाल के प्रशंसकों पर रखी जा रही है नजर

51 हजार लोगों ने किया हनुमान चालीसा का ढाई लाख पाठ, देश के सबसे स्वच्छ शहर ने बनाया नया कीर्तिमान

51 हजार लोगों ने किया हनुमान चालीसा का ढाई लाख पाठ, देश के सबसे स्वच्छ शहर ने बनाया नया कीर्तिमान

पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की 35 करोड़ रूपये की बेनामी संपत्ति जब्त

पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की 35 करोड़ रूपये की बेनामी संपत्ति जब्त

मध्यप्रदेश : मिशनरी स्कूल के “फादर” के घर में मिलीं शराब की बोतलें और आपत्तिजनक सामग्री, स्कूल सील

मध्यप्रदेश : मिशनरी स्कूल के “फादर” के घर में मिलीं शराब की बोतलें और आपत्तिजनक सामग्री, स्कूल सील

बाबरी मस्जिद नहीं, हमें जन्मभूमि चाहिए, मोदी के रहते राहुल गांधी कभी नहीं बन सकते पीएम : हिमंत

राहुल गांधी का अहंकार ले डूबा; उनके ‘कर्म’ का फल है : हिमंत बिस्वा शर्मा

भोपाल में गूंजा- ‘हम सब एक हैं’

भोपाल में गूंजा- ‘हम सब एक हैं’

हिंदू धर्म नीच है…यीशु की शरण में आ जाओ नहीं तो तड़प-तड़प कर मर जाओगे, लालच देकर कन्वर्जन कराने वाला युवक गिरफ्तार

हिंदू धर्म नीच है…यीशु की शरण में आ जाओ नहीं तो तड़प-तड़प कर मर जाओगे, लालच देकर कन्वर्जन कराने वाला युवक गिरफ्तार

न्यायिक नियुक्तियां : निष्पक्षता और पारदर्शिता का प्रश्न

न्यायिक नियुक्तियां : निष्पक्षता और पारदर्शिता का प्रश्न

अपने काम से मिली संतुष्टि

अपने काम से मिली संतुष्टि

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies