एक बार फिर से गांधी खानदान पर दाग लगा है। यह दाग यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर ने लगाया है। उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी ने मुरली देवड़ा के जरिए उन पर दबाव बनाया कि उनके पास मकबूल फिदा हुसैन की एक पेंटिंग है, उसे ले लें, नहीं तो खानदान से संबंध बनाने में समस्या आएगी।
इन दिनों यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर न्यायिक हिरासत में हैं, लेकिन उनके बयानों ने राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। दरअसल, उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बताया है कि 2010 में उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से दो करोड़ रुपए में मकबूल फिदा हुसैन की एक पेंटिंग खरीदने को विवश किया गया। दरअसल, यह पेंटिंग राजीव गांधी का पोर्ट्रेट है, जिसे हुसैन ने राजीव गांधी को भेंट किया था। वह पेंटिंग कई साल से प्रियंका गांधी के पास से थी। इस पेंटिंग को खरीदने के लिए राणा पर दबाव डाला गया। ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, ”राणा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सांसद मिलिंद देवड़ा ने इस पूरी सौदेबाजी के लिए उन पर दबाव डाला।” जैसे ही यह खबर बाहर आई, कांग्रेस के अनेक नेता खानदान को बचाने के लिए कूद पड़े, लेकिन भाजपा नेता आरपीएन सिंह ने एक चिट्ठी सार्वजनिक कर कांग्रेसी नेताओं की बोलती बंद कर दी।
दरअसल, यह चिट्ठी प्रियंका गांधी ने राणा कपूर को तब लिखी थी जब उन्होंने दो करोड़ रु में वह पेंटिंग ले ली थी। इसके बाद प्रियंका ने पत्र लिखकर राणा को धन्यवाद कहा था। पत्र के विषय में लिखा गया है— ‘एमएफ हुसैन की बनाई राजीव गांधी की पेंटिंग’। इसमें प्रियंका ने लिखा है, ”मेरे पिता राजीव गांधी का एम.एफ. हुसैन द्वारा बनाया पोर्ट्रेट खरीदने के लिए धन्यवाद। यह पोर्ट्रेट उन्हें 1985 में कांग्रेस के शताब्दी समारोह में दिया गया था और अब मेरे स्वामित्व में है। मुझे 3 जून, 2010 का आपका पत्र मिला, साथ ही साथ 3 जून, 2010 की तारीख वाले चेक नंबर 135343 से भुगतान भी। पेंटिंग के लिए आपके एचएसबीसी खाते से दो करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। मुझे विश्वास है कि आपको इस कृति के ऐतिहासिक महत्व का पता होगा। मैं चाहती हूं कि आप सुनिश्चित करें कि इसे उचित स्थान मिले।”
ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, ”कपूर ने अपने बयान में कहा है पेंटिंग के बदले मिले रुपए को न्यूयॉर्क में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिकित्सा पर खर्च किया गया। तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि यदि उन्होंने (कपूर ने) पेंटिंग खरीदने से मना किया, तो इससे उन्हें गांधी खानदान से संबंध बनाने में न केवल दिक्कत होगी, बल्कि ‘पद्मभूषण’ सम्मान प्राप्त करने में भी कठिनाई होगी।” कपूर ने ईडी को यह भी बताया, ”सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने उनसे कहा था कि सोनिया गांधी के उपचार के लिए एक उपयुक्त समय पर गांधी खानदान का सहयोग कर उन्होंने अच्छा कार्य किया है।”
बता दें कि राणा कपूर को मार्च, 2020 में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने नेताओं के दबाव पर बेहिसाब कर्ज बांटा और बैंक की हालत खराब हो गई। अंत में इसे बचाने के लिए रिजर्व बैंक को कूदना पड़ा। अब यह बैंक रिजर्व बैंक की देखरेख में काम तो कर रहा है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए यह विचार चल रहा है कि इस बैंक को किसी निजी बैंक या किसी सरकारी बैंक में शामिल कर दिया जाए। बेहिसाब कर्ज बांटने से पहले राणा ने बैंक से अपने हिस्से की राशि ले ली थी।
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