गत दिनों जोधपुर में संस्कार भारती की अखिल भारतीय प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई। आठ सत्रों में चली इस दो दिवसीय बैठक में कला एवं कला क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन चिंतन-मनन किया गया। मूलत: कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों द्वारा देशभर में कलाओं की प्रत्यक्ष प्रस्तुति पर पाबंदियां अभी भी जारी हैं जिससे कला साधकों के समक्ष जीवन-यापन एवं जीवन रक्षा की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रबंध कार्यकारिणी ने एक प्रस्ताव पारित किया।
इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, कला संस्थाओं एवं समस्त समाज से आह्वान किया गया है कि कला जगत के उन्नयन के लिए प्रत्यक्ष कार्यक्रम आयोजन तुरंत प्रारंभ करें, साथ ही रुकी हुई विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां, सम्मान, आकाशवाणी के कार्यक्रम, मंदिरों में होने वाले कार्यक्रम तथा कला साधकों की पेंशन इत्यादि शीघ्र प्रारंभ होनी चाहिए।
बैठक में पारित एक अन्य प्रस्ताव में संस्कार भारती ने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के निमित्त देशभर में 75 विस्मृत नायकों के जीवन प्रसंगों पर 75 नाटकों के मंचन का संकल्प भी लिया। इनमें से अब तक 11 भाषाओं के 51 नाटक तैयार हो चुके हैं और 17 नाटकों का तो मंचन भी हो चुका है।
टिप्पणियाँ