दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद योग करते हैं या नहीं, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन वे करोड़ों रु. खर्च कर दिल्ली के लोगों से योग करने के लिए कह रहे हैं।
इन दिनों दिल्ली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चित्र लगे हजारों विज्ञापन जगह—जगह दिख रहे हैं। दिल्ली मेट्रो और मेट्रो स्टेशनों पर बड़े—बड़े विज्ञापन लगे हैं, जिनमें अरविंद केजरीवाल दिखते हैं। कई विज्ञापनों में तो योग करने वालों से बड़े चित्र केजरीवाल के हैं। इन विज्ञापनों में लोगों से आहृवान किया गया है कि आओ प्रतिदिन योग करें। इसके साथ ही यह भी लिखा है कि दिल्ली के लोग योग करें। इसके लिए दिल्ली सरकार मुफ्त में योग शिक्षक उपलब्ध कराएगी।
इसके साथ ही कभी भी किसी के मोबाइल में एक कॉल आ जाती है और जब संबंधित व्यक्ति उस कॉल को सुनता है, तो उधर से अरविंद केजरीवाल की आवाज में एक संदेश सुनाया जाता है, ”नमस्कार जी, मैं अरविंद केजरीवाल बोल रहा हूं। आप योग करें और हम आपको योग शिक्षक उपलब्ध कराएंगे…” यही नहीं, दिल्ली सरकार ने योग के लिए एक हेल्पलाइन भी जारी की है— 9013585858 । इस पर लोग मिस्ड काल करते हैं, तो उधर से एक संदेश आता है, ”अगर आपके मोहल्ले में कम से कम 25 लोग हैं, जो योग सीखना चाहते हैं, और आपके पास कोई ऐसी जगह है, जहां योग की कक्षा लग सकती है, तो हमारी वेबसाइट https://dillikiyogshala.com पर रजिस्टर करें। दिल्ली सरकार आपको योग सिखाने के लिए एक प्रोफेशनल योग इंस्ट्रक्टर फ्री में उपलब्ध करवाएगी।”
लेकिन वास्तविकता तो यह है कि पिछले आठ साल में दिल्ली सरकार ने एक भी योग शिक्षक की नियुक्ति नहीं की है। यह जानकारी दिल्ली के शिक्षा विभाग ने ही दी है। इस संबंध में एक व्यक्ति ने आरटीटाई से जानकारी मांगी थी। उसमें बताया गया है कि 1 अप्रैल, 2014 से 31 मार्च, 2022 तक एक भी योग शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है, जबकि 356 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं।
दिल्ली के द्वारका में रहने वाले गोपाल सोलंकी कहते हैं, ”अरविंद केजरीवाल अपने चेहरे दिखाने के लिए बारह बहाने ढूंढते रहते हैं। उन्हें योग से कोई मतलब नहीं है। उन्हें केवल इस बात से मतलब है कि योग के बहाने लोग उनके चित्र जगह—जगह देखें।” उन्होंने यह भी कहा कि आज दिल्ली में ज्यादातर लोग छोटे—छोटे फ्लैट्स में रह रहे हैं। उनके घर कोई आ जाता है तो बैठने की जगह तक नहीं होती है। ऐसे में 25 लोग एक साथ योग कैसे कर सकते हैं! केजरीवाल को यह बात पता है। इसलिए उन्होंने विज्ञापन में लिखा है कि यदि आपके पास कम से कम 25 लोगों की बैठने की जगह हो तो रजिस्टर कराएं। उन्हें पता है कि ऐसे में कोई रजिस्टर नहीं कराएगा और उनकी असलियत भी अंदर ही दबी रह जाएगी।
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