केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई मानवाधिकारों के विपरीत नहीं हो सकती। इसलिए देश भर में आतंकियों और उनके समर्थकों का डाटाबेस तैयार हो रहा है। साथ ही मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी, हवाला, नकली नोट के धंधे से जुड़े अपराधियों का डाटाबेस तैयार करने का काम भी चल रहा है।
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के 13वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इन दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद खिलाफ कार्रवाई मानवाधिकारों के विपरीत नहीं हो सकती। आतंकवाद का समूल नाश मानव अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने आतंक के जुड़े मामले में सटीक जांच और पुख्ता सुबूतों के आधार पर 93 प्रतिशत से अधिक आरोपियों को सजा दिलाने में एनआइए की सफलता को अहम बताते हुए जांच को डिजिटल, फारेंसिक, डाटा और इंफोर्मेशन पर आधारित बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अलग-अलग क्षेत्रों में राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने का काम सही दिशा में चल रहा है।
एजेंसी को मजबूत करने को उठाये गए कदम
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मजबूत करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। यही वजह है कि 13 साल के कम समय में एनआइए एक प्रीमियम जांच के एजेंसी के रूप में उभरी है। लेकिन अब हमें एनआइए को दुनिया की बेहतरीन जांच एजेंसी के रूप में स्थापित करना होगा। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले एनआइए के अधिकारियों को सम्मानित भी किया। साथ ही जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामलों की जांच कर ओवरग्राउंड वर्कर्स, स्लीपर सेल और सफेदपोशों को बेनकाब करने के लिए एनआइए की तारीफ की।
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