अमेरिका में जासूसी और खुफिया दस्तावेजों के प्रकाशन को लेकर वांछित विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का आदेश ब्रिटेन की एक अदालत ने दिया है। यदि इस आदेश पर अमल हुआ तो असांजे को 175 साल की सजा हो सकती है।
ब्रिटेन की अदालत के इस आदेश के बाद अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों की खुफिया और गुप्त जानकारियां सार्वजनिक कर चर्चा में आए जूलियन असांजे की मुसीबतें थोड़ी बढ़ गयी हैं। अमेरिका में डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमों के बाद वर्ष 2010 में असांजे के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद असांजे लंदन में गिरफ्तार कर लिए गए थे। असांजे को ब्रिटेन से अमेरिका प्रत्यर्पित करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे थे। अब ब्रिटेन की एक अदालत ने जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का आदेश जारी कर दिया है।
असांजे के प्रत्यर्पण का फैसला अब ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल को करना है। इस बीच अदालत ने बचाव पक्ष को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 18 मई तक का समय दिया है। यदि असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया जाता है, तो उन्हें वहां जासूसी से जुड़े कानून तोड़ने के लिए 18 आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ेगा। इनमें कंप्यूटर दुष्प्रयोग के साथ अहम दस्तावेजों के प्रकाशन के मामले भी शामिल हैं। असांजे पर तमाम खुफिया जानकारियां सार्वजनिक करने के आरोप भी लगे हैं। इन मामलों में दोषी साबित होने पर उन्हें लगभग 175 वर्ष के कारावास की सजा काटनी पड़ सकती है।
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