जहांगीरपुरी में कार्रवाई पर रोक बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूरे देश में ऐसी कार्रवाई पर नहीं लगा सकते रोक
Sunday, May 29, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

जहांगीरपुरी में कार्रवाई पर रोक बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूरे देश में ऐसी कार्रवाई पर नहीं लगा सकते रोक

दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर कार्रवाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनवाई करते हुए एमसीडी के कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा है।

WEB DESK by WEB DESK
Apr 21, 2022, 12:38 pm IST
in भारत, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। कोर्ट ने कहा कि सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें। फिलहाल बुधवार का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। कोर्ट ने कहा कि हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं। यथास्थिति का आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है।

सुनवाई के दौरान वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मसला है। पहले कभी दंगे के बाद इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इनको केस के तथ्यों पर बात करने के लिए कहिए। यह भाषण का मंच नहीं है। तब कोर्ट ने दवे से कहा कि आप केस पर बात करिए। दवे ने कहा कि कानूनन 5 से 15 दिनों का नोटिस मिलना चाहिए था। ऐसे मामलों में कई बार कोर्ट ने नोटिस की मियाद को बढ़ाया है। बीजेपी नेता ने चिट्ठी लिखी और लोगों को बिना मौका दिए कार्रवाई हो गई। दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी है। लगभग 50 लाख लोग रहते हैं। लेकिन एक ही कॉलोनी को निशाना बनाया जा रहा है। दवे ने कहा कि 30 साल से ज्यादा पुराने निर्माण को अचानक गिराना शुरू कर दिया। यहां जंगलराज जैसा चल रहा है। सैनिक फार्म और जहां मैं रहता हूं, उस गोल्फ़ लिंक्स में हर दूसरे घर में अवैध निर्माण है। निगम की वहां कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है जबकि जहांगीरपुरी में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष की चिट्ठी पर कार्रवाई हो रही है।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण पूरे देश की समस्या है लेकिन इसकी आड़ में एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं। मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा कि अगर मुसलमान शांत नहीं रहेंगे, तो उनसे कोई रियायत नहीं होगी। यह समय है कि कोर्ट यह संदेश दे कि देश में कानून का शासन है। तब जस्टिस राव ने कहा कि हम देश भर में अतिक्रमण हटाने का अभियान रोकने का आदेश नहीं दे सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि मैं बुलडोज़र की बात कर रहा हूं। जिस तरह से सब हो रहा है, यह गलत है। तब कोर्ट ने कहा कि यह काम बुलडोज़र से ही होता है। वैसे हम आपकी बात समझ गए।

सुनवाई के दौरान दवे, पीवी सुरेंद्रनाथ, संजय हेगड़े और शमशाद ने कहा कि बुधवार को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभियान चलता रहा। तब तुषार मेहता ने कहा कि इलाके में 19 जनवरी से अभियान चल रहा है। अब एक संगठन (जमीयत उलेमा ए हिंद) मामले में कूद गया है। अभी तक स्थानीय लोग हाई कोर्ट नहीं गए, क्योंकि उन्हें पता है कि कागज़ दिखाने पड़ेंगे। मेहता ने कहा कि खरगोन में हिंदुओं की भी 88 संपत्ति तोड़ी गई हैं। इसके नोटिस 2021 में दिए गए थे। यह एक पैटर्न बन गया है कि कोई संगठन मामले में कूदता है, फिर इसे राजनीतिक मसला बना लिया जाता है।

सीपीएम नेता वृंदा करात ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में कोर्ट के आदेश के बावजूद बुलडोजर के जरिए अतिक्रमण की कार्रवाई करते रहने पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। करात का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बिना कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए शुरू कर दिया गया। अतिक्रमण हटाने का नोटिस प्रभावित परिवारों को नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। याचिका में कहा गया है कि जहांगीरपुरी इलाके में अधिकांश गरीब लोग रहते हैं। वहां मुस्लिमों की तादाद ज्यादा है। अतिक्रमण हटाने के लिए गरीब लोगों को ही टारगेट किया गया। वृंदा करात ने याचिका में कहा है कि वो जहांगीरपुरी में 10 बजकर 45 मिनट पर पहुंची थीं। वहां अतिक्रमण की कार्रवाई पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 12 बजकर 25 मिनट तक कार्रवाई की गई, जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

जहांगीरपुरी में जूस की दुकान के मालिक गणेश गुप्ता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। याचिका में कहा गया है कि उनके पास दुकान के लिए ज़रूरी लाइसेंस थे। दुकान पूरी तरह से वैध थी। इसके बावजूद उनकी दुकान ढहा दी गई। गणेश गुप्ता ने मांग की है कि उन्हें इस नुकसान की एवज में नगर निगम से उचित मुआवजा मिले।

उल्लेखनीय है कि 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दिया था। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया था। 20 अप्रैल को वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया असंवैधानिक है। उन्होंने कहा था कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया दो बजे दिन में शुरू होने वाली थी, लेकिन ये सुबह नौ बजे ही शुरू हो गई। उन्होंने कहा था कि इसके लिए औपचारिक याचिका दायर कर दी गई है। उसके बाद कोर्ट ने अतिक्रमण की कार्रवाई पर रोक लगाने और याचिका पर 21 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया था।

बता दें कि 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। इस मामले में अब तक 20 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। उधर, नगर निगम ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण की कार्रवाई का आदेश जारी किया था।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: Supreme Courtदिल्ली समाचारDelhi Newsसुप्रीम कोर्टअवैध अतिक्रमणillegal encroachmentजहांगीरपुरी मामलाJahangirpuri case
Share25TweetSendShareSend
Previous News

गोवा में चल रहा कन्वर्जन का खेल! मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लोगों से कहा सतर्क रहें

Next News

ब्रिटेन की अदालत का आदेश, अमेरिका प्रत्यर्पित होंगे असांजे, हो सकती 175 साल की सजा

संबंधित समाचार

सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक

सहारा समूह को झटका, नौ कंपनियों के खिलाफ एसएफआईओ की जांच जारी रहेगी

अपनी यूनिवर्सिटी की इमारत बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आजम खान, शत्रु संपत्ति पर किया है कब्जा

अपनी यूनिवर्सिटी की इमारत बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आजम खान, शत्रु संपत्ति पर किया है कब्जा

जलती हुई दिल्ली परिवहन निगम की एक बस

एक महीने के अंदर डीटीसी की छह बसें जलीं, भाजपा ने कहा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा दिल्ली परिवहन निगम

रोड रेज मामले में सिद्धू को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा

रोड रेज मामले में सिद्धू को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा

सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद जैसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने का आदेश देने से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद जैसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने का आदेश देने से किया इंकार

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस्तीफा दिया

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस्तीफा दिया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

कश्मीर फाइल्स के बाद का कश्मीर…

कश्मीर फाइल्स के बाद का कश्मीर…

मुजफ्फरपुर और मधुबनी में लव जिहाद, एक लड़की की हत्या, दूसरी गायब

‘फिल्मी दुनिया में काम दिलाने के नाम पर हिंदू लड़कियों का कन्वर्जन कराता है दबीर सिद्दकी’, महिला ने की शिकायत

10 से 10 तक : शादीशुदा अजीज से परेशान हिंदू युवती ने दे दी जान, कन्वर्जन का बना रहा था दबाव

10 से 10 तक : शादीशुदा अजीज से परेशान हिंदू युवती ने दे दी जान, कन्वर्जन का बना रहा था दबाव

‘अब नहीं होता पूर्वोत्तर के साथ भेदभाव’

‘अब नहीं होता पूर्वोत्तर के साथ भेदभाव’

‘पहाड़ नहीं चढ़ पाएगी आआपा’

‘पहाड़ नहीं चढ़ पाएगी आआपा’

ब्राजील में बारिश और भूस्खलन से 37 लोगों की मौत

ब्राजील में बारिश और भूस्खलन से 37 लोगों की मौत

औरतें दिखाई ही न दें, ऐसा कर रहा है तालिबान

औरतें दिखाई ही न दें, ऐसा कर रहा है तालिबान

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से हटाए गए 71 हजार से अधिक लाउडस्पीकर, 4000 से अधिक सौपें गए स्कूलों को

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से हटाए गए 71 हजार से अधिक लाउडस्पीकर, 4000 से अधिक सौपें गए स्कूलों को

दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से रोकना इंडिगो को पड़ा भारी, डीजीसीए ने लगाया 5 लाख रुपये का जुर्माना

दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से रोकना इंडिगो को पड़ा भारी, डीजीसीए ने लगाया 5 लाख रुपये का जुर्माना

“हिंदुत्व धर्म नहीं, इतिहास है”…. फिल्म स्वतंत्रता वीर सावरकर में रणदीप हुड्डा का फर्स्ट लुक सोशल मीडिया में वायरल

“हिंदुत्व धर्म नहीं, इतिहास है”…. फिल्म स्वतंत्रता वीर सावरकर में रणदीप हुड्डा का फर्स्ट लुक सोशल मीडिया में वायरल

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies