जो आक्रांताओं को पूर्वज बताए, उसका विरोध करें
Thursday, February 2, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

जो आक्रांताओं को पूर्वज बताए, उसका विरोध करें

मेरा संबोधन सारी कौम या समूची जाति के लिए नहीं होता। जो भी इस तरह के बयान से ‘सहमति’ रखते हैं, मेरे सवाल, घृणा या कटाक्ष सिर्फ उन्हीं के लिए होते हैं, न कि ‘मजहब’ को मानने वाले समूचे लोगों के लिए।

सिद्धार्थ ताबिश की फेसबुक वॉल से by सिद्धार्थ ताबिश की फेसबुक वॉल से
Apr 21, 2022, 08:45 am IST
in भारत, मत अभिमत
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

मेरी पोस्ट किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए विवादित बयान, टिप्पणी या पोस्ट पर आधारित होती है। मेरा संबोधन सारी कौम या समूची जाति के लिए नहीं होता। जो भी इस तरह के बयान से ‘सहमति’ रखते हैं, मेरे सवाल, घृणा या कटाक्ष सिर्फ उन्हीं के लिए होते हैं, न कि ‘मजहब’ को मानने वाले समूचे लोगों के लिए। लेकिन आतंकवाद, कट्टरता और हिंसा का बचाव करने वाले हमेशा से जानते हैं कि उन्हें क्या करना है?

उनका काम हर विरोध व हर बात को कौम से जोड़कर सच बोलने वालों के विरुद्ध सबको एकजुट करना और उसे एक खास ‘कौम’ या जाति का दुश्मन साबित करना होता है। जो भी यह कहे कि उसकी कौम ने 800 साल तक भारत पर राज किया और उसकी यह बात समूचे बहुसंख्यक समाज व देश के विरुद्ध हो, तो आप उसे क्या जवाब देंगे? यह बयान किसी भी तरह से देशहित में है? सोचकर देखिए, यदि आप हिंदू घर में जन्मे होते और कोई आपके सामने औरंगजेब को रहमतुल्लाह अलैह बोलता तो आपको कैसा लगता? कैसे कोई बहुसंख्यक औरंगजेब जैसों को अपना मान सकता है? थोड़ा सोचकर देखिए? उनके नजरिये से इसे देखने की कोशिश कीजिए।

इस्राएल यदि कुछ फिलिस्तीनियों को मार देता है तो आप यहां भारत में बैठकर छाती पीटते हैं, जबकि फिलिस्तीनियों से आपका कोई रिश्ता नहीं है, सिवाय मजहब के। रोहिंग्या जुल्म करें और अपने देश से भगा दिए जाएं तो आप छाती पीटते हैं। जिन हमलावरों की वजह से सारा अफगानिस्तान, ईरान, कश्मीर खाली हो गया और मूर्तिपूजकों की पीढ़ियां भगा दी गर्इं, उन्हीं हमलावरों ने भारत में भी उन पर खूब जुल्म किया। आप भारत में बैठकर उन हमलावरों का बचाव करते हैं और उन्हें अपना पूर्वज बताते हैं। उन्हें सेक्युलर साबित करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं तो किस बहुसंख्यक के दिल में नफरत नहीं भरेगी? थोड़ा सोचकर देखिए।

जो भारत पर आक्रमण करने वालों को अपना पूर्वज बताए, उसका सख्त शब्दों में खुलकर विरोध कीजिए। यदि ढंग से विरोध होने लगेगा तो आने वाला समय आपकी पीढ़ियों के लिए आसान और मुहब्बत भरा होगा। हमको मत देखिए कि मैंने मौलाना का वीडियो डाल दिया और नफरत फैल गई, बल्कि यह देखिए कि उस समय मस्जिद में बैठे जितने लोग उस मौलाना के कहने पर नारे लगा रहे थे, उनकी पीढ़ियों की जिंदगी भ्रम, भय और नफरत में ही कटेगी।

कौम वालों ने यदि शुरू से आतंकवाद का विरोध किया होता, तो आज यह नौबत ही नहीं आती। आप न तो यहां जलील हो रहे होते और न ही विदेशों में। 1400 साल से आप यही करते आए हैं। जो आपके मजहब की कुरीतियों, हिंसा और अत्याचार के खिलाफ बोले, उसे या तो मार देंगे या चुप करा देंगे। अब यह चलन बदलिए, क्योंकि इंटरनेट ने आपकी ‘शांति’ की अवधारणा को ‘नंगा’ कर दिया है। बच्चा-बच्चा अब सब कुछ जानता व समझता है।

कश्मीर की समस्या राजनीतिक नहीं
कश्मीर की समस्या कभी भी राजनीतिक नहीं थी। यह हमेशा से ‘मजहबी’ थी और ‘मजहबी’ है। जो इसे राजनीतिक बताए, समझिये वह ‘आधा सच’ बताकर आपको भटका रहा है। कश्मीर में अलगाववाद की जड़ ‘मजहबी मानसिकता’ है। इस पर लीपा-पोती करना ‘सच’ से मुंह फेरना है। सैकड़ों मंदिरों के खंडहर, हजारों जुल्म की दास्तान… यह सब ‘राजनीतिक’ थी? नहीं, कभी नहीं। जिस ‘बुतशिकन’ वाली मानसिकता ने भव्य मंदिरों को खंडहरों में तब्दील किया, उसी मानसिकता ने ‘कश्मीरी पंडितों’ पर जुल्म किए और उन्हें बेघर किया।
सोचिये! कभी किसी अंसारी, खान, सय्यद इत्यादि
कश्मीर से क्यों नहीं भागे या भगाए गए? सिर्फ पंडित ही
क्यों? यह राजनीतिक वजह थी कि धर्म देखकर लोगों को भगाया गया?

Topics: अंसारीखानसय्यद‘मजहबी’आतंकवाद का विरोधबहुसंख्यक समाजआतंकवादकट्टरताहिंसा
Share20TweetSendShareSend
Previous News

जहांगीरपुरी हिंसा: मुख्य आरोपित अंसार और यूनुस की जड़ें खंगालने के लिए बंगाल पहुंची दिल्ली पुलिस

Next News

पुलिस मुठभेड़ में अशफाक, इमरान समेत तीन वाहन चोर गिरफ्तार, अवैध हथियार बरामद

संबंधित समाचार

अंध कूप में पाकिस्तान!

अंध कूप में पाकिस्तान!

अमित शाह ने की योगी की तारीफ, बोले- लंबे अरसे बाद यूपी में लागू हुई कानून व्यवस्था

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं अधिकारी : अमित शाह

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर( फाइल चित्र)

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओें में 168 प्रतिशत की कमी : अनुराग ठाकुर

संयुक्त राष्ट्र में भारत : आतंकवाद वैश्विक चुनौती, जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी

संयुक्त राष्ट्र में भारत : आतंकवाद वैश्विक चुनौती, जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी

क्या आतंकवाद का खतरा ‘कम’ हो गया है ऑस्ट्रेलिया में!

क्या आतंकवाद का खतरा ‘कम’ हो गया है ऑस्ट्रेलिया में!

आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर : अमित शाह

आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर : अमित शाह

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देश के युवावर्ग की आशाओं को आधार देने वाला है आम बजट-2023 : अभाविप

देश के युवावर्ग की आशाओं को आधार देने वाला है आम बजट-2023 : अभाविप

पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है भारत: निर्मला सीतारमण

पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है भारत: निर्मला सीतारमण

एयर मार्शल एपी सिंह वायु सेना के उप प्रमुख के पद पर नियुक्त

एयर मार्शल एपी सिंह वायु सेना के उप प्रमुख के पद पर नियुक्त

लव-जिहाद की शिकार लड़की कश्मीर से बरामद, हमीरपुर से फंसा कर लाया था इरफान

लव-जिहाद की शिकार लड़की कश्मीर से बरामद, हमीरपुर से फंसा कर लाया था इरफान

सावधान ! बुर्के में हो सकती हैं कपड़ा चुराने वाली महिलाएं, जानिए कैसे हुआ खुलासा

सावधान ! बुर्के में हो सकती हैं कपड़ा चुराने वाली महिलाएं, जानिए कैसे हुआ खुलासा

उत्तराखंड : पैरोल पर गए 300 से ज्यादा कैदी वापस नहीं लौटे, पुलिस महकमे में मचा हडकंप

उत्तराखंड : पैरोल पर गए 300 से ज्यादा कैदी वापस नहीं लौटे, पुलिस महकमे में मचा हडकंप

देवभूमि में अध्यात्म की शरण में है विराट अनुष्का, स्वामी दयानंद आश्रम में कर रहे निवास

देवभूमि में अध्यात्म की शरण में है विराट अनुष्का, स्वामी दयानंद आश्रम में कर रहे निवास

केंद्रीय बजट 2023 : बजट अर्थव्यवस्था की नब्ज पकड़ने वाला – फिक्की

केंद्रीय बजट 2023 : बजट अर्थव्यवस्था की नब्ज पकड़ने वाला – फिक्की

केंद्रीय बजट 2023 : अमृत काल का पहला ऐतिहासिक बजट विकसित भारत के निर्माण के लिए मजबूत नींव तैयार करेगा – प्रधानमंत्री

केंद्रीय बजट 2023 : अमृत काल का पहला ऐतिहासिक बजट विकसित भारत के निर्माण के लिए मजबूत नींव तैयार करेगा – प्रधानमंत्री

केंद्रीय बजट 2023 : रक्षा क्षेत्र के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

केंद्रीय बजट 2023 : रक्षा क्षेत्र के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • लव जिहाद
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies