हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के अभियुक्त की जमानत अर्जी जनपद न्यायालय ने खारिज कर दी. प्रयागराज के जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त आसिफ अली की दूसरी जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि केस डायरी से स्पष्ट होता है कि अभियुक्त ने अपने बयान में कहा है कि वह माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी विदर्भ का महासचिव है. 25 अक्टूबर 2017 को यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया जिसका शीर्षक” कमलेश तिवारी मौत के करीब” था. इस मामले की परिस्थितियों और अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है.
बता दें कि हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी का जुर्म यह था कि उन्होंने वर्ष 2015 में पैगम्बर के खिलाफ टिप्पणी कर दी थी. मुसलमानों ने पहले आतंकियों को उनकी हत्या की सुपारी दी थी. वर्ष 2017 में उन आतंकियों के गिरफ्तार हो जाने के बाद एक बार फिर उनकी हत्या का षड़यंत्र रचा गया. 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में उनकी निर्मम हत्या की गई. हत्या के अभियुक्त युसूफ खान और सैय्यद आसिम के खिलाफ लखनऊ में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) के तहत कार्रवाई की गई थी.
हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या पैगम्बर के खिलाफ टिप्पणी करने पर की गयी थी. लखनऊ के खुर्शीद बाग स्थित हिंदू समाज पार्टी कार्यालय में 18 अक्टूबर 2019 को दिन में दो युवक कमलेश तिवारी से मिलने पहुंचे. वे मिठाई के डिब्बे में चाकू और तमंचा लेकर आए थे. कमलेश तिवारी को पहले गोली मारी गई. जब गोली नहीं चली तो गला रेत कर हत्या की गई. घटना के बाद अभियुक्त फरार हो गए. इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था.करीब तीन वर्ष पहले कुछ.
उल्लेखनीय है कि हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी ने वर्ष 2015 में पैगम्बर के खिलाफ टिप्पणी की थी. उसी का बदला लेने के लिए उनकी हत्या का षड्यंत्र रचा गया था. मुसलमान, पैगम्बर के खिलाफ टिप्पणी बर्दाश्त नहीं कर पाए थे.
कमलेश तिवारी की हत्या के लिए वर्ष 2017 में दो आतंकी भी लगे हुए थे. यह मामला तब खुला था जब गुजरात के एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. दोनों एक विदेशी हैंडलर के संपर्क में थे. इन दोनों को कमलेश तिवारी का वीडियो दिखा कर , बताया गया था कि इस आदमी को खत्म कर देना है.
कमलेश तिवारी की ह्त्या के बाद उस समय के पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश ओ.पी सिंह ने बताया था कि ” हमें शुरू से आशंका थी कि इसके तार गुजरात से जुड़े हैं. हमारी टीम गुजरात भी गई. मिठाई के डिब्बे के आधार पर हमने गुजरात में संपर्क किया. लखनऊ और गुजरात पुलिस का समन्वय रहा. जिस मिठाई की दुकान से डिब्बा लिया गया था वहां से फैजान यूनुस को गिरफ्तार किया गया. इसके अतिरिक्त मौलाना मोहसिन शेख , राशिद अहमद को हिरासत में ले कर पूछताछ की गई. विवेचना में यह साफ़ हो गया है कि यह तीनों कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल थे.”
टिप्पणियाँ