मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में प्रवेश लेने वालों के सत्यापन कराने का बयान क्या दिया, इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा को बेचैनी शुरू हो गई। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में रोहिंग्या मुस्लिमों के घुसपैठ की सूचनाओं पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि हम जल्द ही व्यापक वेरिफिकेशन अभियान शुरू करने वाले हैं, ताकि ऐसे तत्वों को बाहर किया जा सके।
उत्तराखंड में बढ़ती मुस्लिम आबादी के पीछे म्यांमार से भगाए गए रोहिंग्या मुस्लिमों का यहां आकर बसने की रिपोर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मीडिया ने सवाल पूछा था कि हिन्दू तीर्थ स्थलों, चार धाम में गैर मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की मांग पर सरकार का क्या कहना है। इस पर सीएम धामी ने कहा था कि हम अपनी धार्मिक संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम शीघ्र ही धार्मिक तीर्थ स्थलों और अन्य स्थानों पर एक व्यापक वेरिफिकेशन अभियान शुरू कर रहे हैं। यदि इस अभियान में ऐसे तत्व सामने आते हैं तो उन्हें यहां से जाना होगा।
सीएम धामी के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा को बेचैनी महसूस हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान संविधान के अनुरूप नहीं है। साथ ही उन्होंने सत्यापन को लेकर कहा कि ये विशेष समुदाय को चिन्हित कर उन्हें यहां से हटाने या भगाने की योजना का हिस्सा है।
उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन होने की वजह कांग्रेस
करन मेहरा के बयान पर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट ने कहा है कि उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन होने की वजह कांग्रेस है। हरीश रावत की सरकार के वक्त यहां बड़ी संख्या में गैर हिन्दू लोग आकर बसे और उन्हें कांग्रेस विधायकों, पार्षदों ने संरक्षण देकर वोट बैंक की राजनीति की है। अब कांग्रेस अध्यक्ष करन मेहरा भी वही कर रहे हैं । श्री भट्ट ने कहा कि रोहिंग्यों का सत्यापन जरूरी है, उनका देवभूमि उत्तराखंड में घुसपैठ रोकना भी आवश्यक है।
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