उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि शनिवार को जिस दौरान शोभायात्रा निकल रही थी, उस दौरान जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक से ही उसके पास एक कॉल आई थी और कॉलर ने उसे मस्जिद के पास बुलाया था। इस कॉल के आते ही अंसार अपने 4-5 साथियों के साथ मस्जिद के बाहर पहुंचा और शोभायात्रा में चल रहे लोगो से बहस करने लगा और यहीं से माहौल बिगड़ गया था।
ऐसे में अंसार को फोन करने वाले कॉलर का इस हिंसा से क्या कनेक्शन है, इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस ने अब उस कॉलर की भूमिका की जांच कर रही है। इसके लिए उससे भी पूछताछ करने की तैयारी है।
जांच में जुटी पुलिस टीम जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा का क्या कोई कनेक्शन है ? इसमें अंसार, असलम व सोनू अलावा और कौन-कौन से मुख्य किरदार हैं ? उनकी भूमिका क्या है ? पुलिस यह जानने में जुटी है। इसलिए पुलिस ने अंसार के साथ आए उन सभी साथियों के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी खंगालनी शुरू कर दी है, जो भी उसके साथ शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा में मौजूद थे।
पुलिस को यह शक है कि अंसार के साथ कुछ बाहरी लोग भी जहांगीरपुरी पहुंचे थे और मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक, अंसार का जन्म भले ही जहांगीरपुरी में हुआ हो, लेकिन उसकी पारिवारिक जड़ें पश्चिम बंगाल से जुड़ी हैं।
वह पहले चाकू के साथ गिरफ्तार हो चुका है। उसपर आर्म्स एक्ट का मामला चल रहा है। यही नहीं उसके खिलाफ पांच अन्य मामले भी दर्ज हैं तो पुलिस यह जानना चाहती है कि उसके आपराधिक नेटवर्क के आखिरकार कौन-कौन से लोग करीबी हैं?
200 वीडियो फुटेज की हो रही है जांच
उधर जांच में जुटी पुलिस टीम के पास हिंसा से जुड़े करीब दो फुटेज आ चुके हैं। इसमें कुछ इलाके में लगे सीसीटीवी से जुड़े हैं तो कुछ लोगों द्वारा मोबाइल से बनाए गए हैं। वहीं कुछ ऐसे फुटेज हैं, जिन्हें सोशल मीडिया श्रोतों पर वायरल होने पर पुलिस के पास पहुंचे हैं।
इन सभी की पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम व साइबर सेल की टीम बारीकी से जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में 24 लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस महिला पर सोमवार को आरोपी सोनू के घर पुलिस के पहुंचने पर पत्थर फेंकने का आरोप है। जबकि दो नाबालिग को भी पुलिस ने पकड़ा है। वहीं क्राइम ब्रांच की 14 टीमें जांच में जुटी हैं।
अबतक चार एफआईआर हुई दर्ज
अबतक जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर कुल चार एफआईआर दर्ज हुई है। जिसमें से पहली एफआईआर हिंसा को लेकर थी। जिसमें शोभायात्रा के दौरान अचानक हुई बहसबाजी के दौरान हुए पथराव, आगजनी, वाहनों में तोड़फोड़ व पुलिस पर हमला से संबंधित हैं।
वहीं दूसरी एफआईआर शोभायात्रा की मंजूरी नहीं लेने को लेकर दर्ज की गई है। जबकि तीसरी एफआईआर गोली चलाने वाले सोनू के घर पुलिस पर पत्थर फेंकने को लेकर हुई है। इसके अलावा चौथी एफआईआर सोनू को गिरफ्तार करने के बाद गोली चलाने व आर्म्स एक्ट के तहत हुई है।
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