मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा समग्र संगठन के राष्ट्रीय कार्यकर्ता संगम के समापन समारोह में कहा कि आज भी गंगा जी सभी के लिए जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी हैं। गंगा जी भारत की नदी संस्कृति हैं। अपनी सहायक नदियों के साथ 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती हैं। गंगा जी और यमुना जी का सर्वाधिक प्रवाह क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है, जिस कारण प्रदेश में विपुल जल संसाधन है। इसके साथ ही, हमारे अधिकांश तीर्थ गंगा जी के तट पर स्थित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जी के आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2016 में नमामि गंगे परियोजना प्रारम्भ की। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से नदी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार गंगा जी की निर्मलता एवं अविरलता हेतु नमामि गंगे परियोजना के कार्य को तकनीक की मदद से सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में सीवेज प्रबन्धन हेतु 46 परियोजनाओं पर कार्य कराया जा रहा है, जिसमें से 25 परियोजनाओं के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 19 परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है तथा 2 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। शवदाह गृहों के आधुनिकीकरण एवं नदियों में उत्प्रवाह रोकने के विभिन्न कार्यों को तकनीक की मदद से क्रियान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गंगा जी के 2500 किमी से अधिक के प्रवाह में विगत 5 वर्ष पूर्व सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र कानपुर था। इस क्षेत्र के गंगा प्रवाह में जलीय जीव नष्ट हो रहे थे। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं प्रदेश सरकार के प्रयासों से आज कानपुर क्षेत्र के गंगा प्रवाह में जलीय जंतु जीवित हैं और प्रदूषित सीसामऊ नाला वर्तमान में सेल्फी प्वाइंट बन चुका है। प्रयागराज कुम्भ-2019 ने स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था के मानक स्थापित किये हैं। कुम्भ की सफलता के पीछे स्वच्छ, शुद्ध एवं अविरल गंगा जी का प्रवाह था, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था एवं सम्मान से गंगा जल में आचमन किया था।
उन्होंने कहा कि गंगा जी एवं उनकी सहायक नदियों के संरक्षण, सुरक्षा, प्रबन्धन के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक आयोजित की थी। लोगों में नदी संस्कृति की जागरूकता हेतु वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने बिजनौर से कानपुर तक और बलिया से कानपुर तक गंगा यात्रा आयोजित की थी। प्रदेश सरकार गंगा जी के तटवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती एवं बागवानी करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है। गंगा जी के किनारे गंगा उद्यान एवं गंगा पार्क विकसित किये जा रहे हैं तथा गंगा घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार बागवानी कार्य के प्रोत्साहन हेतु प्रदेश के किसानों को निःशुल्क पौधे एवं 3 वर्ष तक सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।
टिप्पणियाँ