हनुमान जन्मोत्सव पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया। शोभायात्रा पर पथराव तो किया ही, फायरिंग भी की। दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस ने हालात को नियंत्रण में किया। सोमवार को पुलिस की टीम जहांगीरपुरी में एक महिला को हिरासत में लेने गई तो पुलिस टीम पर फिर पथराव किया गया।
पुलिस की टीम जहांगीरपुरी हिंसा में गोली चलाने वाले आरोपी सोनू चिकना की पत्नी को हिरासत में लेने और पूछताछ करने गई थी। इसी दौरान कुछ घरों से पुलिस की टीम पर ईंट और पत्थर फेंके गए। सोनू चिकना फरार है। उसके भाई सलीम को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के बाद क्षेत्र में आरएएफ को तैनात किया गया है।
मस्जिद पर झंडा लहराने की बात में तथ्य नहीं : पुलिस आयुक्त
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा छोटे वाद-विवाद से शुरू हुई थी। मस्जिद पर झंडा लगाने संबंधित एक पक्ष के दावे में कोई तथ्य नहीं है। उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है। इस हिंसा में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मामले में दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जाति, धर्म, संप्रदाय और संबंध के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगी। घटना में संलिप्त सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मामले में अब तक दोनों पक्षों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित 9 लोग घायल हैं। सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल मीडिया का विश्लेषण किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच की 14 टीमें मामले को संभाल रही हैं। संवेदनशील इलाकों में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 14 टीमें तैनात हैं। यह तैनाती तब तक रहेगी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। पुलिस आयुक्त ने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रही है और गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जहांगीरपुरी दंगों की जांच अपराध शाखा को ट्रांसफर
जहांगीरपुरी में शुक्रवार को हुए दंगों की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दी गई है। पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के आदेश पर अपराध शाखा अब इस पूरे मामले की छानबीन करेगी। इसके लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें एक डीसीपी, पांच एसीपी और दस इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं। यह टीम अलग-अलग कोण से पूरे मामले की छानबीन करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इन दंगों के पीछे किस तरह की साजिश थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार शनिवार शाम को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर निकाली जा रही शोभा यात्रा के दौरान यह उपद्रव हुआ था। इस दौरान दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए थे। दोनों पक्षों की तरफ से जमकर पथराव किया गया और गोली भी चलाई गई थी। इस घटना में कुल 8 पुलिसकर्मी और एक आम आदमी घायल हुआ था। इन सभी का उपचार बाबू जगजीवन राम अस्पताल में करवाया गया था। इस घटना में एक सब इंस्पेक्टर को गोली लगी थी, जिसे उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 147/ 148/ 149/ 186/ 353/ 332/ 333/ 427/ 436/ 307/ 120बी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने 23 आरोपितों को गिरफ्तार किया है जबकि दो नाबालिग भी पकड़े गए हैं।
खंगाली जाएगी कॉल डिटेल्स
इस मामले में कई नेताओं ने साजिश का आरोप लगाते हुए बारीकी से पूरे मामले की छानबीन करने की मांग की थी। इसके चलते दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने पूरे मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी है। अपराध शाखा की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है जो पूरे मामले की छानबीन करेगी। यह टीम पता लगाएगी कि इस पूरी साजिश के पीछे न लोग शामिल थे। इस टीम को पकड़े गए आरोपितों की कॉल डिटेल्स खंगालने, फेसियल रिकॉग्निशन सिस्टम के जरिए आरोपितों की पहचान करने, डंप डाटा के जरिये वहां मौजूद लोगों के बारे में जानकारी जुटाने आदि जांच करने के लिए कहा गया है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों का एंगल भी
इस मामले में इस तरह के आरोप भी सामने आए हैं कि बांग्लादेशी मूल के लोगों ने इस पूरे हमले को अंजाम दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए भी क्राइम ब्रांच की टीम छानबीन करेगी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इस मामले में किस तरीके से पूरी साजिश को रचा गया और कैसे यहां पर पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जल्द ही कुछ अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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