विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश में कई जगहों पर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को अंतरराष्ट्रीय जिहादी षड्यंत्र बताया है। परिषद ने इन हमलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की मांग की है। विहिप ने देश की सभी सरकारों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थ को छोड़कर देशहित का विचार करें और देश को विकास मार्ग पर ले जाने के अपने दायित्व को स्वीकार करें।
विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने नई दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू स्थित मीडिया सेंटर में शनिवार को पत्रकारों से कहा कि देशभर में रामनवमी के कार्यक्रमों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने हमले किए। ओडिशा, गोवा अपेक्षाकृत शांत प्रदेश माने जाते हैं, लेकिन वहां भी रामोत्सव पर हमला घोर चिंता का विषय है। पिछले दिनों जेएनयू समेत 20 से अधिक स्थानों पर रामनवमी के आयोजनों पर हिंसक हमले हुए। डॉ. जैन ने इन हमलों को आतंकी कार्रवाई बताया और कहा कि हर हमलावर एवं उसको शह देने वालों पर रासुका के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। अल-जवाहरी के वीडियो से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है। भारत के एक आतंकी संगठन पीएफआई की भूमिका अब स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। इन हिंसक हमलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारत विरोधी टूल किट गैंग का आर्थिक, बौद्धिक एवं राजनीतिक समर्थन मिल रहा है। दुर्भाग्य से भारत के अधिकांश मुस्लिम नेता और कांग्रेस तथा उनके कोख से निकली हर पार्टी इन हमलावरों के साथ खड़ी हो गई हैं। टीवी स्टूडियो से लेकर सड़क और अदालत तक हर जगह यह टूल किट गैंग इन जिहादियों की रक्षा में लामबंद हो गया है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भी मुसलमानों को भड़काने वाले प्रयास विदेशों में रहने वाले कई धनवान जिहादी कर रहे हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक बड़ी सक्रियता इन जिहादी तत्वों ने दिखाई। ये भारत विरोधी वातावरण बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। यह तथ्य सामने आया कि इसमें भारत से बाहर के लोगों का 87% सहयोग है। हमारा यह आरोप सिद्ध हो जाता है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के अंतर्गत किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि वे भारत में गृहयुद्ध की स्थिति निर्माण करना चाहते हैं।
विहिप नेता डॉ. जैन ने कहा कि यह बर्बर हिंसा रमजान के कथित पवित्र महीने में हो रही है। क्या जिहादियों की पवित्रता का अर्थ हिंदुओं का नरसंहार है, महिलाओं पर दुष्कर्म के प्रयास, मंदिरों को ध्वस्त करना, मकानों एवं दुकानों को लूट कर आग लगा देना, पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाना, वंचितों के घरों को आग लगाकर उनकी महिलाओं के साथ अपमान करना है? उन्होंने कहा कि एक बात स्पष्ट हो गई है कि, “मीम और भीम” के नारे लगाने वाले भी पीएफआई के ही एजेंट हैं। अनुसूचित समाज का वर्ग हमेशा से जिहादियों का मुकाबला करने में सबसे आगे रहता है। इनके साथ दोस्ती का नारा दलितों के जानमाल पर एक घटिया राजनीति करने का प्रयास है।
विहिप हिन्दू समाज का भी आह्वान करती है कि ‘पलायन नहीं पराक्रम’ हिन्दू का संकल्प रहा है। जहां की सरकारें दंगाइयों पर कठोर कार्यवाही कर रही हैं, उनका साथ दें और जहां वे दंगाइयों के साथ हैं, वहां अपने सामर्थ्य को जागृत करें। हमें दंगाइयों से भयभीत न होते हुए स्वाभिमान पूर्ण जीवन जीने की परिस्थितियों का निर्माण करना है।
टिप्पणियाँ