लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के दोषी हैं और जेल में सजा काट रहे हैं। इसके बावजूद वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अब उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में नेता विपक्ष हो गई हैं। वहीं उनके बेटे तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। अब ऐसे में लोग यह कहें कि राष्ट्रीय जनता दल में मां, बाप और बेटे का ‘राज’ है, तो गलत क्या है!
यही कारण है कि इन दिनों सोशल मीडिया में एक बात बड़ी तेजी से फैल रही है। वह बात है—’बिहार में का बा!’ उत्तर में कहा जाता है— ‘मां, बाप और बेटा बा।’ मां यानी राबड़ी देवी, बाप यानी लालू यादव और बेटा यानी तेजस्वी यादव। बता दें कि हाल ही में राबड़ी देवी को बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता का दर्जा दिया गया है। यह दर्जा देने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने विधान परिषद के सभापति से निवेदन किया था। उल्लेखनीय है कि हाल ही में बिहार विधान परिषद के लिए हुए चुनाव में राजद के छह उम्मीदवारों को जीत मिली है। इस कारण बिहार विधान परिषद में राजद मुख्य विपक्षी दल हो गया है। इसके बाद राबड़ी देवी को विपक्ष की नेता का दर्जा दिया गया है। हालांकि दो वर्ष पहले भी राबड़ी देवी इस पद पर थीं, लेकिन उस समय राजद के अनेक नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। इस कारण विधान परिषद में राजद की संख्या इतनी कम हो गई कि उससे मुख्य विपक्षी दल का दर्जा छिन गया था। अब राजद के छह नए सदस्य बढ़ने से यह दर्जा वापस मिल गया है।
राजद नेतृत्व चाहता तो पार्टी के अन्य किसी नेता को बिहार विधान परिषद में विपक्ष का नेता बना सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और एक बार फिर से राबड़ी देवी को यह पद दे दिया गया। अब बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी एक ही परिवार के पास आ गया है, जबकि पार्टी में बहुत सारे ऐसे नेता हैं, जो तेजस्वी और राबड़ी से भी अधिक सक्षम और वरिष्ठ हैं, इसके बावजूद खानदान के बाहर के किसी नेता को कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाता है। राजनीतिक विश्लेषक शंभु प्रसाद कहते हैं, ”दरअसल, लालू यादव घनघोर परिवारवादी हैं। वे अपने परिवार के बाहर के किसी भी नेता को कोई बड़ी जिम्मेदारी कभी नहीं दे सकते हैं। यही कारण है कि जब वे चारा घोटाले में पहली बार जेल जाने लगे तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी, जिन्हें किसी तरह हस्ताक्षर करना आता है, को मुख्यमंत्री बना दिया था, ताकि सत्ता की चाबी परिवार से बाहर न जाए।”
इसके बाद लालू यादव ने 2015 में नीतीश कुमार की सरकार में अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्री बनवाया। पत्रकार दीपक कुशवाहा कहते हैं, ”लालू लोगों को दिखाने के लिए लोकतंत्र की बात करते हैं, लेकिन वे परिवारतंत्र से बाहर कभी नहीं जा पाते हैं। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि राजद में जितने भी नेता हैं, वे लालू परिवार के विरुद्ध खुलकर कुछ बोल भी नहीं पाते हैं। इस वजह से लालू जेल से ही पार्टी चला रहे हैं और मनमाने फैसले ले रहे हैं।”
वास्तव में राष्ट्रीय जनता दल में उसी तरह लोकतंत्र है, जिस तरह कांग्रेस में, जिस तरह समाजवादी पार्टी में, जिस तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में, जिस तरह नेशनल कांफ्रेंस में…
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