जिहादियों ने मजहबी प्रचार का नया तरीका निकाला है। वे हिन्दू घरों में बिना आर्डर के कोरियर से हिंदी अनुवादित कुरान भेज रहे हैं। यहां यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या कोरियर कंपनियां भी इसमें भागीदार बन रही हैं ?
जानकारी के अनुसार जिहादी संगठन विभिन्न एप से जानकारी निकाल कर हिंदुओं के घर कुरान भेज रहे हैं। भेजने वाले का पता और फोन नंबर गलत रहता है। बिना आर्डर के आये इन पैकेट को खोलने पर जब इसमें कुरान मिलती है तो कोरियर वाले कुरान वापस लेने से इनकार कर देते हैं। खास बात यह है कि लड़कियों के नाम और पते पर कोरियर भेजे जा रहे हैं।
सवाल यह है कि जो लोग कुरान भेज रहे हैं उन्हें मोबाइल नंबर और घरों का सही पता कौन उपलब्ध करा रहा है? किसी भी एप को डाउनलोड करने के दौरान आपके फोन की सारी जानकारी एप वालों को मिल जाती है। ऐसे में क्या जिहादियों को इन एप से भी जानकारी मिल रही है? उनमें से केवल महिलाओं के नाम निकाल कर उन्हें कुरान कोरियर द्वारा भेजी जा रही है। इस अभियान को कौन संचालित कर रहा है इसकी जांच जरूरी है।
पिछले दिनों देहरादून, हरिद्वार और मेरठ में कुछ हिन्दू घरों में ऐसे पार्सल आये है। ऐसा ही मत प्रचार का अभियान ईसाई मिशनरियों द्वारा भी पिछले सालों में चलाया जाता रहा है। देहरादून में आये ऐसे ही एक पार्सल की जानकारी मीडिया के संज्ञान में आयी है। उत्तराखंड वैसे भी जिहादियों के निशाने पर है। लव जिहाद, बढ़ती मुस्लिम आबादी और मुस्लिम यूनिवर्सटी जैसे मुद्दों को लेकर राजनीति और सामाजिक चर्चा आम हो गयी है।
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