सूचना के अधिकार में मिली सूचना को सबूत बनाकर भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया को निशाना बनाने के सत्तापक्ष के प्रयासों को तगड़ा झटका लगा है। मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमैया को जमानत देकर सत्ता पक्ष के इस प्रयास को एक तरह से रोक दिया है। दो महीने पहले शिवसेना के नेता और सांसद संजय राउत ने मुंबई में भाजपा के तीन नेताओं को सलाखों के पीछे डालने की घोषणा की थी।
राउत ने तब एलान किया था कि किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया को जल्द ही जेल भिजवाया जाएगा। दो महीने के बाद भी अभी किसी को जेल न भिजवाने के कारण राउत पर सवाल उठ रहे थे। किसी भी तरह सोमैया को जेल भिजवाने पर आमादा राउत ने एक दिन सूचना के अधिकार में राजभवन से मिली सूचना का कागज दिखाया।
दस साल पहले युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को बचाने हेतु किरीट सोमैया और नील सोमैया व अन्य कार्यकर्ताओं ने चौपाल में खड़े रहकर चंदा इकठ्ठा किया था। वह चंदा राजभवन नहीं पहुंचा, ऐसा राजभवन ने सूचना के अधिकार में कहा है। इसका मतलब इस पैसे का अपहार हुआ है। राउत का आरोप है कि यह पैसा करीब 58 करोड रुपये था। इसके आधार पर ट्रॉम्बे थाने में केस दर्ज किया गया। एक पूर्व सैनिक चौधरी ने शिकायत की और मामला दर्ज हो गया। शिकायत में बबन भोसले ने इस राहतकोश में दो हजार रुपये देने की और उसकी रसीद न मिलने की बात कही है। सत्र न्यायालय ने सोमैया को जमानत देने से इन्कार किया था।
सोमैया उच्च न्यायालय में जमानत के लिए गए थे। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस विषय में दायर प्राथमिकी अस्पष्ट और मीडिया में जानकारी पर आधारित है। अदालत ने सुनवाई पूरी होने तक सोमैया को गिरफ्तारी से राहत दे दी। अगर गिरफ्तारी होती है तो पचास हजार के मुचलके पर रिहा करने के भी आदेश दिए। अदालत ने सोमैया को जांच में पुलिस का सहयोग करने के निर्देश दिए। सोमैया के वकील ने कहा था कि आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं।
किरीट सोमैया ने महाविकास आघाडी के कई मंत्री के घोटाले उजागर किए हैं, इससे वह सत्तापक्ष के निशाने पर हैं। सोमैया और उनके बहाने भारतीय जनता पार्टी को घेरने की यह कोशिश बेकार साबित हुई है। फैसला देते समय न्यायालय की टिप्पणी आरोप और प्राथमिकी की गंभीरता को समाप्त करने वाली है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद संजय राउत ने न्यायालय पर ही एकतरफा होने के आरोप लगाए हैं। न्यायालय से एक पक्ष के लोगों को ही राहत क्यों मिलती है ऐसा सवाल राउत ने किया।
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