अवैध रेत खनन और अधिकारियों के स्थानांतरण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर शिकंजा कस लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में एक कथित रेत खनन मामले से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में उनसे 5 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। पूछताछ के बाद चन्नी ने कहा कि ईडी ने उनको दोबारा पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है। चन्नी ने अपनी गिरफ्तारी की चल रहीं खबरों को अफवाह करार दिया है। बता दें कि ईडी ने गत फरवरी में अवैध रेत खनन और मनी लांड्रिंग के आरोपों में पूर्व सीएम के भांजे भूपेंदर सिंह उर्फ हनी को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में पूछताछ के लिए चन्नी ईडी के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। उनकी पूछताछ बुधवार हो चुकी है। उन्हें दोबारा नहीं बुलाया गया है। उनसे क्या पूछताछ की गई है, उसके बारे में चन्नी ने जानकारी देने से मना कर दिया। चन्नी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी है।
पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद गत जनवरी में ईडी ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह उर्फ हनी के मोहाली स्थित घर पर छापामारी की थी। हनी और उसके मित्र के पास से जांच एजेंसी ने कुल 10 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इसके बाद विरोधी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया था कि असल में ये रुपये तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के थे।
मामले में फरवरी की शुरुआत में ईडी ने हनी को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में उसने माना था कि उसने ये पैसे रोड़ा बन रहे खनन अधिकारियों का स्थानांतरण करवाने के लिए वसूले थे। हालांकि उसने धनराशि का चरणजीत सिंह चन्नी से कनेक्शन होने से इन्कार कर दिया।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा लेकिन दोनों जगह से हार गए। कांग्रेस की भी चुनाव में बुरी हार हुई। इसके बाद कई वरिष्ठ नेताओं ने तो यह तक कह डाला की चन्नी के बेदाग छवि न होने के कारण कांग्रेस चुनाव हारी है। ऐसे में वर्तमान में कांग्रेस में किनारे चल रहे चन्नी की इस मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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