कुख्यात नक्सली विजय आर्य को रोहतास पुलिस ने बुधवार को रोहतास थाना क्षेत्र के समाहुता गांव स्थित एक आवास से गिरफ्तार किया है। उसे शरण देने वाले के साथ ही उसके एक साथी को भी गिरफ्तार किया गया है। झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश की पुलिस को पिछले कई सालों से उसकी तलाश थी।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुधवार देर रात प्रेस वार्ता में यह जानकारी एसपी आशीष भारती ने दी। उन्होंने बताया कि विजय रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी के रोहतास थाना क्षेत्र में सक्रिय था। उन्होंने बताया कि जिले में दुर्दांत नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद मगध क्षेत्र के आईजी व शाहबाद डीआईजी के मार्गदर्शन में रोहतास और औरंगाबाद पुलिस ने विजय को समहुता गांव से गिरफ्तार किया। विजय अपने साथी राजेश गुप्ता के साथ इस गांव में संगठन विस्तार की कार्य योजना पर काम कर रहा था।
विजय नक्सल गतिविधियों के प्रचार-प्रसार का प्रयास और इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास कर नक्सलियों को संगठित करना चाह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए रोहतास, गया व औरंगाबाद के एसपी के समन्वय में एक विशेष टीम का गठन किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और एसएसबी की टीम भी शामिल थी। पुलिस टीम ने छापेमारी के दौरान गया जिले के कोच थाना क्षेत्र के करमा गांव के रहने वाले विजय कुमार आर्य उर्फ दिलीप उर्फ अमर उर्फ यशपाल के अलावा रोहतास थाना क्षेत्र के समहुता गांव के रहने वाले उमेश चौधरी को गिरफ्तार किया है।
वह अपने साथी राजेश गुप्ता के साथ सोन गंगा विंध्याचल जोनल एडहॉक कमेटी को पुनर्जीवित करने के लिए यहां आया था। लेवी उगाही और नक्सली संगठन में नई भर्ती करने की योजना थी। पिछले 2 दिन से वह इसी गांव में रुका हुआ था। एसपी ने बताया कि तलाशी के दौरान उसके के पास से हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, टेबलेट सहित कई सारे नक्सली दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार नक्सली विजय रोहतास जिले के अलावा बिहार के गया, औरंगाबाद, कैमूर, झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में काम कर रहा था।
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