मुख्तार अंसारी के विरुद्ध योगी सरकार की कार्रवाई जारी है. गाजीपुर जनपद में जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की 3.5 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को कुर्क किया है. जिलाधिकारी गाजीपुर के आदेश के बाद अपराध जगत से अर्जित धन से बनाई गई संपत्ति को कुर्क किया गया. यह संपत्ति मुख्तार ने किसी और के नाम पर खरीदा था. 811 वर्ग मीटर के इस भूखंड की कीमत तीन करोड़ पचास लाख रुपये है. पुलिस प्रशासन ने मुख्तार की इस संपत्ति को डुगडुगी बजा कर कुर्क कराया.
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जुलाई में मऊ जनपद में गैंगस्टर के मामले में मुख्तार अंसारी की 24 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त किया गया था. मऊ शहर के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के दशई पोखरा स्थित संपत्ति मुख्तार अंसारी के बेटों के नाम से दर्ज है. कुछ समय पूर्व दक्षिण टोला थाना की पुलिस ने मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था.
पुलिस को विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि मुख्तार ने अपराध जगत से अर्जित धन से दशई पोखरा के पास जमीन खरीदा था. पहले यह भूमि उसकी माँ के नाम पर थी बाद में बेटों के नाम पर हस्तांतरित कर दी गई. गैंगस्टर की धारा 14(ए) के अंतर्गत पुलिस ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजा. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि इस भूमि को अपराध जगत से अर्जित धन से खरीदा गया है. पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने उक्त भूमि को जब्त करने का आदेश दिया.
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ विभिन्न जिलों में 56 मुकदमे दर्ज हैं. गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद निवासी मुख्तार अंसारी 1996 से 2017 तक मऊ जिले की शहर विधानसभा सीट से लगातार विधायक चुना गया. इस बार चुनाव में मुख्तार के पुत्र अब्बास अंसारी मऊ शहर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी गठबंधन सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुआ.
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