भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों की टू प्लस टू वार्ता के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों ने यूक्रेन में मानवीय सहायता, हिंद प्रशांत में कानून के शासन और पाकिस्तान से अपनी धरती को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रयोग न करने देने का आह्वान किया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि अमेरिका और भारत लोकतंत्र और बहुलवाद के लिए साझा प्रतिबद्धता तथा एक बहुआयामी द्विपक्षीय एजेंडा और रणनीतिक हितों पर मिलकर काम करने पर विश्वास रखते हैं। दोनों देश एक लचीली, नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना जारी रखना चाहते हैं जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करे और उसे बनाए रखे। साथ ही लोकतांत्रिक मूल्य और सभी के लिए शांति व समृद्धि को बढ़ावा दे।
दोनों देशों के मंत्रियों ने टू प्लस टू वार्ता में यूक्रेन में बिगड़ते मानवीय संकट से निपटने के लिए आपसी प्रयासों की समीक्षा की और इसके व्यापक प्रभावों का आकलन किया। उन्होंने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की अपील की। रूस का जिक्र किए बगैर वक्तव्य में कहा गया है कि मंत्रियों ने स्पष्ट रूप से नागरिकों की मौत की निंदा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित है।
दोनों देशों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने का आह्वान किया कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए नहीं हो। साथ ही एफएटीएफ की सिफारिशों के अनुरूप सभी देश धन शोधन विरोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के पालन पर विशेष जोर दें। इसके अलावा संयुक्त वक्तव्य में रक्षा व सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों और निर्बाध सप्लाई चैन जैसे विषयों पर करीबी सहयोग बनाने पर जोर दिया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ