मस्जिदों पर लाउड स्पीकर से दी जाने वाली अजान को लेकर देश भर में चल रही चर्चाओं के बीच अब यह मामला न्यायालय तक जा पंहुचा है। जिला न्यायालय में मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटाने के लिए जनहित वाद दायर किया गया है। न्यायालय ने इस वाद को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर दिए है। प्रकरण की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
उल्लेखनीय है कि मस्जिदों पर लाउड स्पीकर से दी जाने वाली अजान से परेशान होकर एडवोकेट तुषार कोठारी ने कुछ समय पूर्व जिला कलेक्टर और एसपी को नोटिस दिया था। हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष राजेश कटारिया, जिला अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट दशरथ पाटीदार, अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट सतीश त्रिपाठी और किशोर सिलावट की ओर से दिए गए इस नोटिस में कलेक्टर और एसपी से मस्जिदों के लाउड स्पीकर जब्त करने की मांग की गई थी। अपने नोटिस में एडवोकेट तुषार कोठारी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2005 मेें दिए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा था कि रात्रि दस बजे से सुबह छ: बजे के मध्य लाउड स्पीकर बजाने पर पूर्णत: प्रतिबन्ध है,जबकि इस समय के अ्लावा भी लाउड स्पीकर की ध्वनि के स्तर की सीमा निर्धारित की गई है, लेकिन इसके बावजूद मस्जिदों पर सुबह छ: बजे के पूर्व लाउड स्पीकर से अजान दी जाती है। जो कि न सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है, बल्कि इस कर्कश शोर से पब्लिक न्यूसेंस भी होता है। इसी तरह सुबह छ: बजे के बाद प्रतिदिन होने वाली चार अजानों में भी ध्वनि के स्तर की सीमा निर्धारित सीमा से बहुत अधिक रखी जाती है। जिससे जनसाधारण के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
अपने नोटिस में एडवोकेट तुषार कोठारी ने मस्जिदों पर लाउड स्पीकर से होने वाली अजान के कारण हो रहे पब्लिक न्यूसेंस को तुरंत रोकने और सुबह छ: बजे के पूर्व लाउड स्पीकर का उपयोग किए जाने के कारण मस्जिदों के लाउड स्पीकर जब्त करने की मांग जिला प्रशासन से की थी।
एडवोकेट तुषार कोठारी द्वारा दिए गए नोटिस पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से व्यथित होकर अब यह मामला न्यायालय में लाया गया है। एडवोकेट श्री कोठारी ने आज अपने चारों पक्षकारों की ओर से जिला न्यायालय की तृतीय व्यवहार न्यायाधीश श्रीमती ज्योति राठौर के समक्ष जनहित वाद प्रस्तुत किया। विद्वान न्यायाधीश ने प्रकरण में दिए गए प्रारंभिक तर्कों को सुनने के पश्चात मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने जिला कलेक्टर और एसपी को वाद का उत्तर देने के लिए नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए है। प्रकरण की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
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