उत्तरकाशी में चीन से लगते क्षेत्रों में भारत अपनी रक्षा जरूरतों को ध्यान में रख कर तैयारी कर रहा है। जिले के चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर आज से वायुसेना अभ्यास कर रही है। जानकारी के अनुसार इस हवाई पट्टी को और विस्तार देने के लिए डीपीआर तैयार हो चुका है। टिहरी झील से कुछ किमी आगे चिन्यालीसौड़ कस्बे के पास बनी हवाई पट्टी पर आज वायुसेना के चिनूक, अपाचे हेलीकॉप्टर के साथ-साथ एएन 32, हरकुलिस जहाज उतरे, इन वायुसेना के विमानों के साथ-साथ बड़ी संख्या में वायु सैनिक भी आये हैं।
जानकारी के मुताबिक ये विमान और वायु सैनिक रात्रि में अभ्यास करेंगे। बरेली वायुसेना अड्डे से ये लोग आज यहां पहुंचे हैं और अगले एक हफ्ते तक रात्रि में विमान उड़ाने और उतारने का अभ्यास करेंगे। वायुसेना का ये अभ्यास रूटीन प्रकिया है। पहले भी ऐसे अभ्यास अलग-अलग स्थानों पर होते रहे हैं। चिन्यालीसौड़ का रनवे 1165 मीटर लंबा और तीस मीटर चौड़ा है, इसे 1992-93 में तैयार किया गया था, बाद में 2013-14 को इसमें विस्तार किया गया। अब सेना और बड़े निजी विमानों की जरूरत के हिसाब से इसे 15 मीटर और लंबा किया जाना है।
उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार को इसकी डीपीआर बनाकर भेज दी है और इस पर करीब 46 करोड़ जा खर्च अभी और होना है। रक्षा जानकर मानते हैं कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हवाई पट्टी को विस्तार देने की जरूरत है, ताकि यहां लड़ाकू विमान भी आसानी से उतर सकें और उड़ सकें। उधर वायुसेना ने पिथौरागढ़ और गौचर के रनवे को भी सेना की जरूरत के हिसाब से विस्तार देने की योजना पर काम करने का अनुरोध सरकार से किया है। उत्तराखंड सरकार ने इन हवाई पट्टियों को पर्यटन के लिए भी उपयोग में लाने के लिए अपने दृष्टि पत्र का हिस्सा पहले ही बनाया हुआ है। इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात भी हो चुकी है।
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